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नकल हाईवे की,मानक किया दरकिनार तीन सौ मीटर आरसीसी सड़क पर उड़ रहा बालू, झटके दे रही हैं गिट्टीयां।Don News Express



जौनपुर।

हर शहर के मुख्यालय में सिविल लाइंस इलाका स्थापित होने का मतलब है कि यहाँ क्रीमी लेयर लोगों का आना-जाना और निवास करना गर्व की बात मानी जाती है। दशकों से दीवानी कचहरी से लेकर शहर के मुख्य बाजार ओलंदगंज को जाने वाली सड़क दुर्दशाग्रस्त रही है। बीते अप्रैल महीने से इस सड़क को आरसीसी करने का काम एक किलोमीटर जिसे ठेका दिया गया। है उसने तीन सौ मीटर निर्माण कर यह साबित कर दिया है कि जहां कमीशन का बोलबाला होगा वहां बालू नहीं उड़ेगा तो क्या पत्थर मिलेगा शायद इसी मंशा से शहर का यह वीआईपी रोड आरसीसी बनाने को टेंडर निकाला गया। अब तीन सौ मीटर आने जाने वाले या तो बिना नहाये गुजरते हैं अथवा रास्ता बदल कर दीवानी व कलेक्ट्रेट पहुंचते हैं। जिस दिन बूंदाबादी व बारिश होती है। उस दिन यह सड़क दो पहिया से लेकर चार पहिया वाहन और पैदल ही गुजरने वालों को कीचड़ से मुक्ति दिलाये रखती है। इससे गुजरने वाले थोड़ी राहत जरूर महसूस करते हैं लेकिन धूप निकलते ही घंटे भर में ही बालू का गुबार रेगिस्तान जैसा महसूस कराने लगता है। बिना हेलमेट के गुजरने वाले दो पहिया सवार की आंखों में जाने वाला वालू शहर के सिविल लाइंस, कलेक्ट्रेट रोड निर्माण में हर कदम पर यात्रियों को घटिया निर्माण की गवाही दे रहा है।दुर्घटना का भी सबब बनता है। हालत यह हो गयी है कि अगल बगल के दुकानदार अभी तक इस पर उड़ रहे बालू से बचाव के लिए या तो शीशा लगवा लिये है अथवा सफेद पन्नी टांग कर काम चला रहे हैं। इस मार्ग से जो एक बार गुजरता है। वह बाहर आते ही लगता है कि गेहू की मड़ाई कर के आ रहे हैं। उसके कपड़े, चेहरे, बाल धूल धूसरित नजर आते हैं।
इस सड़क में लगी गिट्टी पानी पड़ते ही आसमान से तारों सरीखी नजर आती है। कई स्थानों पर गिट्टी उभरने लगी है जो वाहनों के टायर से टकराकर दुकानों अथवा वहां खड़े लोगों को चोट पहुंचाती है। आम जन मानस भी कहता सुना जाता है कि यह है कमीशन खोरी का हाल निर्माण करने वाले एक्सप्रेसवे और हाईवे की तर्ज पर काफी मोटी परत जमा दिये लेकिन सफेद बालू का इस्तेमाल किया और सीमेंट में भी अपनी बचत कर ली। यानी यही हाल रहा तो यह सड़क छह महीने में इससे यात्रा करने वालों को पस्त कर देगी। ध्यान रहे कि इस सड़क पर कलेक्ट्रेट परिसर के तमाम विभाग, पुलिस के कार्यालय, जजेज कालोनी, सिविल लाइंस की तमाम कालोनिया और डीएम का बंगला भी एवं सिविल कोर्ट के लिए आने जाने वालों की संख्या पर ध्यान दिया जाये तो आम आदमी से लेकर वीआईपी तक हजारों की संख्या में रोज लोग गुजरते हैं, लेकिन अभी तक इस घटिया निर्माण पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
सै. हसनैन कमर दीपू

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