जौनपुर।
शिराजे हिंद जौनपुर में शहीदे रहे ख़ोदा और मिसबह यज़दी की याद में हुई मजलिस ए अज़ा।
विगत रविवार को शहर के इमामबारगाह कल्लू मरहूम में एक मजलिसे अज़ा बराऐ इसालेह सवाब शहीद अल हाज कासिम सुलेमानी, इंजीनियर अबू मेहंदी, शहीद साइंटिस्ट फख़री ज़दा,आयतुल्लाह हिल उज़मा मिसबाह यज़दी रहमतुल्लाह अलैह, व दीगर शहीदाने राहे ख़ोदा का आयोजन किया गया। जिसमें सबसे पहले नमाज़े मग़राबैन बाजमाअत आली जनाब मौलाना महफूज़ उल हसन ख़ाँ साहब इमामे जुमा शहर जौनपुर ने पढ़ाई। इसके बाद जनाब शम्शी साहब ने तिलावते क़ुर्आने पाक किया मजलिस का मुकम्मल आगाज़ मोअज़्ज़िने अज़ा सै. गौहर अली ज़ैदी व उनके हमनवा ने सोज़ख़्वानी के ज़रिए किया नेज़ामत के फराइज को जाफर जौनपुरी ने अंजाम दिया, जनाब एहतेशाम जौनपुरी, राशिद रन्नोंवाले और तनवीर जौनपुरी साहब ने पेशख़्वानी की और ताज़ियती नज़्म पेश किया मजलिस को पुणे महाराष्ट्र से आए हुए आली जनाब मौलाना सै. मोहम्मद असलम रिज़वी साहब चीफ ऑफ महाराष्ट्र उलमा बोर्ड ने खि़ताब किया। मौलाना ने अपने बयान में शहीद की अहमियत और आलिम की अहमियत पर जो़र दिया और शहीद कासिम सुलेमानी की जिंदगी पर नज़र डाली जिसमें उन्होंने उनकी बेटी का भी वाक्य दोहराया और उस यतीम बच्ची का भी ज़िक्र किया जिसने कासिम सुलेमानी से अंगूठी का मुतालबा किया तो उन्होंने उसके एवज़ में उस लड़की से अपनी शहादत के लिए दुआ करने को कहा था, पूरे बयान में मौलाना का जो़र यह था कि समाज में एक जाहति और अमन शांति बनी रहे इसके लिए नौजवानों को इल्म हासिल करना बहुत ज़रूरी है और मौलाना ने पैग़म्बरे इस्लाम की भी जिंदगी पर रोशनी डाली अंत में मौलाना ने मसाब ए कर्बला जब पढ़ा तो वहां मौजूद सभी की आंखें नम हो गई और आंखों से अश्क का सैलाब जारी हो गया। मजलिस के फौरन बाद अंजुमन हुसैनिया के नोहाख़्वान जनाब नवाज़ हसन ख़ाँ साहब अदीब साहब ने पुर दर्द नौहा पेश किया। मजलिस में शिरकत करने वाले सभी मोमिनीन का मोहम्मद बिलाल साहब ने शुक्रिया अदा किया। मजलिस में मुख्य रूप से आली जनाब मौलाना महफूज़ उल हसन ख़ाँ साहब, मौलाना आबिद रज़ा, मौलाना फरमान ख़ाँ साहब, मौलाना हसन जाफर, मौलाना मेहंदी मिर्जापुरी, मौलाना ताबिश खुरासानी, मौलाना मोहम्मद रज़ा ख़ाँ साहब, डॉक्टर क़मर अब्बास, सै. हसनैन क़मर ब्यूरो चीफ सहारा न्यूज़, शाहिद मेहंदी पूर्व सभासद, असलम नक़वी, अब्बास हैदर कर्बलाई, शहंशाह आब्दी गज़ीपुर, तहसीन शाहिद,मुन्ना अकेला, शोएब, सैफी, तहसीन सोनी, ताबिश, फर्ज़ान, शाकिर, अबु तालिब, दानिश, शमरोज,रूमी,बादशाह शारीक अब्बास,हिलाल क़मर,कलीम, ख़ादिम, फरहान, जौहर, रज़मी,चमन,सोनु,जमील मिर्जा, आज़म, शहबाज़, नफीस भाई, वा शहर के दीगर क़ाबिले एहतेराम मोमिनीन मौजूद रहे।
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