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यूपी में प्रियंका गांधी का अभियान बढ़ रहा हैं भाजपा,सपा और बसपा की बेचैनी।Don News Express


पोस्टर वूमेन बनकर रह जाएंगी प्रियंका गांधी वाड्रा?

सुनील बंसल की निगाह लगातार भाजपा संगठन की मजबूती पर

प्रियंका के ट्वीट और बयानों पर रहती है यूपी सरकार की नजर
साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उत्तर प्रदेश में अपना डंका बजाया। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 325 सीटें लाकर विरोधियों के दांत खट्टे कर दिए थे, लेकिन 2022 में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव को लेकर उसके रणनीतिकारों ने अभी से तैयारी तेज कर दी है। उत्तर प्रदेश भाजपा के संगठन मंत्री सुनील बंसल अनुभवी और तेज तर्रार हैं। संगठन पर उनकी गजब की समझ भी है। बंसल को जानने वाले भी बताते हैं 2022 की तैयारी का खाका बुना जाने लगा है। भाजपा की तरह ही बसपा प्रमुख मायावती और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को चुनौतियां बढ़ जाने का अनुमान है। वहीं कांग्रेस के नेताओं का थका, दबा, छिपा उत्साह लौट आया है। कांग्रेस के नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील विश्वनाथ चुतर्वेदी की उम्मीदें बढ़ने लगी है। जौनपुर से सुरेंद्र त्रिपाठी, बनारस से पूर्व सांसद राजेश मिश्रा को भी लग रहा है कि 2022 में कांग्रेस बड़ी चुनौती देने वाली पार्टी के रूप में दिखाई पड़ सकती है। बताते हैं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की लगातार सक्रियता ने पूर्वांचल से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक कांग्रेस के नेताओं में जान डाल दी है।प्रियंका गांधी के कार्यालय में संदीप सिंह और राजकुमार जैसे युवा हर रोज काफी होम वर्क करते हैं। प्रियंका के साथ पहले जुड़ी प्रीती सहाय अमेरिका चली गई हैं तो धीरज श्रीवास्तव राजस्थान सरकार को सेवाएं दे रहे हैं। खुद प्रियंका लगातार राजनीतिक, संगठन की मजबूती और तैयारी के लिए काफी समय दे रही हैं। वह अपने ट्वीट, वीडियो संदेश, वक्तव्य को ध्यान से देखकर फाइनल करती हैं। सावधानी से मुद्दों का चयन करती हैं और बहुत सोच-समझकर मुद्दे उठाती हैं। प्रियंका का पूरा ध्यान हर रोज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के कमजोर नस दबाने पर रहता है।कांग्रेस महासचिव का दूसरा ध्यान उत्तर प्रदेश कांग्रेस के संगठन को खड़ा करने में लगा है। उनकी टीम हर जिले में छात्र ईकाई, युवक कांग्रेस, कांग्रेस जिलाध्यक्ष, मंडल के नेताओं के चयन, उन्हें जिम्मेदारी देने में लगी है। इसके लिए परंपरागत कांग्रेस मतदाताओं के वर्ग को वरीयता दी जा रही है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस का ध्यान अगले 20 साल का संगठन खड़ा करना है, इसलिए युवाओं को अवसर दिया जा रहा है।विश्वनाथ चतुर्वेदी कांग्रेस के नेता और वकील हैं। उन्होंने मुलायम सिंह के यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में याचिका दायर कर रखी है। बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं। विश्वनाथ चतुर्वेदी का कहना है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एक के बाद एक मोर्चे पर फेल हो रही है। कोविड-19 का संक्रमण अब उत्तर प्रदेश के शहरों में बढ़ने लगा है। दूसरे मुंबई, दिल्ली से जिस तरह से राज्य में मजदूर जलालत झेलकर आए हैं, उसने राज्य सरकार की छवि पर गहरा असर डाला है। विश्वनाथ चतुर्वेदी, सुरेंद्र त्रिपाठी, जतिन प्रसाद की टीम  के सदस्य अमित कुमार का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार से ब्राह्मण, मुस्लिम, दलित, अन्य पिछड़ी जातियों के लोग काफी खफा हैं। राज्य के हर जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति भी ठीक नहीं है। ब्यूरोक्रेसी हावी है और लोग परेशान हैं।40 साल से कांग्रेस पार्टी की विचारधारा से जुड़े बनारस के विनोद दुबे का कहना है कि समाजवादी पार्टी ने 2017 के चुनाव में कांग्रेस का साथ मिलने के बाद भी बहुत खराब प्रदर्शन किया। बसपा की स्थिति भी इससे कोई अच्छी नहीं थी। अब इन दोनों दलों की हो चुकी। दोनों ही दलों के नेताओं में काफी अहंकार भी है। शिव राय कहते हैं कि किसी भी ज्वलंत मुद्दे पर देख लीजिए। न तो समाजवादी पार्टी का कोई नेता जनता के साथ खड़ा है और बसपा प्रमुख मायावती कुछ बोलती नहीं हैं। मायावती तो वही भाषा बोल रही हैं, जो भाजपा और उत्तर प्रदेश सरकार के नेता बोलते हैं।जेपी राय गाजीपुर में कांग्रेस के पुराने कार्यकर्ता हैं। इसी तरह से मिर्जापुर में रोशन पटेल को भी अब कांग्रेस अच्छी लगने लगी है। वह अपना दल से कांग्रेसी बने हैं। बताते हैं कांग्रेस में उत्साह लौट रहा है। लोग जुड़ना शुरू हो गए हैं। बस अभियान बनना बाकी है। देव व्रत का कहना है कि अभी डेढ़ साल का समय है और तब तक अभियान भी खड़ा हो जाएगा, क्योंकि अब भाजपा के विकल्प के रूप में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस है।धर्मेंद्र प्रताप सिंह का परिवार पुराना जनसंघी परिवार है। छोटे भाई केपी सिंह सांसद और चाचा उमानाथ सिंह उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री थे। धर्मेंद्र सिंह का कहना है कि सब कांग्रेसियों का ख्याली पुलाव है। 2022 आने दीजिए, उसके पहले ही तस्वीर शीशे की तरह साफ हो जाएगी। जब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं, तब तक किसी का नंबर नहीं आने वाला। इलाहाबाद से बनारस प्रांत के नेता ज्ञानेश्वर शुक्ला भी धर्मेंद्र के वक्तव्य को सही ठहराते हैं। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री

 योगी आदित्यनाथ ने सभी धर्मों, जातियों, वर्गों का आदर करते हुए अच्छा शासन दिया है। उनके ऊपर भ्रष्टाचार के कोई आरोप नहीं हैं। जनता सब देखती है। कहीं ऐसा न हो कि प्रियंका गांधी पोस्टर वूमेन ही बनकर रह जाएं।बसपा के एक नेता ने कहा कि वह कोई अधिकारिक बयान नहीं दे सकते, लेकिन इतना भर कहेंगे कि राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश को बदल दिया था? अमेठी की सीट नहीं बचा पाए? अब प्रियंका का असर दिखना बाकी है? सूत्र का कहना है कि बसपा का वोटबैंक बरकरार है। उसमें सेंध लगना मुश्किल है। प्रियंका गांधी के राजनीतिक अभियान की चर्चा करने पर समाजवादी पार्टी के सुशील दूबे कहते हैं कि यह उनका हक है। लेकिन कुछ हासिल नहीं होगा। अभी तो वह कांग्रेस के रेगिस्तान में बगीचा लगाने का सपना देख रही हैं। ऋषभ यादव भी 2022 का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि प्रियंका गांधी वाड्रा उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ लहर पैदा करने में सहायक होंगी। जनता समाजवादी पार्टी को वोट देगी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बनेंगे।

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