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शिशुपाल बना जौनपुर का एक अफसर-------------------------+++--------------Don News Express

शिशुपाल बना जौनपुर का एक अफसर
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- शिशुपाल ने अकेले कृष्ण को दी थी 100 गाली जबकि यहाँ एक बेलगाम अधिकारी मर्यादा के पायजामे से बाहर होकर हर आम व खास के साथ कर रहा दुर्व्यवहार! 
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कैलाश सिंह
वाराणसी.  योगी आदित्यनाथ कल्याण सिंह के शासनकाल के बाद पहले ऐसे सीएम हैं जिन्होंने नौकर शाही को पुराना अधिकार और सम्मान लौटाने के साथ फुल पावर दी है ताकि आमजन को तकलीफ न हो. शायद इसी कारण अपने संसदीय काल से चल रहे जनता दरबार को कायम रखते हुए अधिकारियों के सामने नज़ीर पेश कर रहे हैं की जनता कुर्सी पर और मुख्य सेवक उनके सामने खड़े होकर समस्या पूछ रहा है. लेकिन जौनपुर में एक बेलगाम अधिकारी ने जनपद की सड़क को क्रिकेट की पिच और हर आम व खास को बाल समझकर अनाड़ी बैट्समैन की तरह बल्ला भांज रहा है. यहाँ के डीएम या तो उसके सामने बेबस हैं या जानबूझकर चुप्पी साधे हैं. बीते सोमवार को पूर्वांचल के नेताओं में ईमानदारी के प्रतीक खासकर इस जनपद के लिए तो मील के पत्थर हैं सुरेंद्र प्रताप सिंह. विधायक रहते हुए वह अपने कपड़े खुद धोते और भोजन बनाते मैने देखा है. 20 फरवरी की शाम रोडवेज चौराहे पर जहाँ वह दशकों से जन सुनवाई करते आ रहे हैं वहाँ पहुंचे अधिकारी ने दुर्व्यवहार उनके साथ किया. मौके पर कुछ भाजपा नेता व आमजन भी थे. अफसर बोर्ड परीक्षा वाले उड़न दस्ते की तरह पहुंचा. एक बुजुर्ग वकील की बाईक पर लात मारी तो बुजुर्ग भी गिर पड़े. ध्यान रहे कि इस चौराहे पर बैठकी वाले स्थान से वाहनों के आवागमन में परेशानी नहीं होती. सुरेंद्र जी छात्र जीवन से कर्मठ भाजपाई हैं.
इसी अधिकारी ने आर एस एस के एक पदाधिकारी के भाई द्वारा संचालित जाँच केन्द्र को ही अवैध घोषित कर दिया यानी सीएम ओ के अधिकार भी वह अपनी जेब में लेकर चलता है. खुद को नायक फिल्म का हीरो समझने वाला यह अफसर अपने को हर विभाग का आला मानता है. पिछले दिनों यह शहर के नजदीक ककोर् गहना गाँव के कबीर मठ में एक महिला को जमींन कब्जे की नीयत से प्रवेश कराने पहुंचा. विरोध होने पर महिला को ही हथियार बनाते हुए कह दिया की तुम रेप का आरोप लगाओ मै देख लूंगा. पुलिस का बड़ा अफसर मेरा गलासमेट यानी शराबी साथी है. उसके अधिकार भी मेरे पास हैं. हालांकि वो अफसर तबादला हो गया. इस घटना की खबर सोशल मीडिया में प्रसारित करने वाले पत्रकारों को जेल भेजने की धमकी भी दिया. होटलों. ढाबों. गुटखा की दुकानों से वह वसूली में कथित दलाल पत्रकारों को जिन्हें साथ लेकर चलता है उनके बीच रकम ईमानदारी से बांटता है. सत्ता धारी दल के एक मोटा कमीशन खाने वाले कथित नेता पदाधिकारी की ही बात सुनता है बाकी सभी जनता इसके जूते की नोक पर है. क्रमशः

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