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बेचैनी, बेबसी, करवटें, प्रत्याशियों के लिए पहाड़ बनी आखिरी रातविधायक बनने की ललक में प्रत्याश्यिों की रही नींद नदारद।Don News Express

बेचैनी, बेबसी, करवटें, प्रत्याशियों के लिए पहाड़ बनी आखिरी रात
विधायक बनने की ललक में प्रत्याश्यिों की रही नींद नदारद
तीन पूर्व सांसद, एक मंत्री व कई विधायक के भविष्य का फैसला आज 
(सै.हसनैन कमर दीपू)
जौनपुर। बिस्तर की सिलवटों से पूछ उसकी बेकरारी, काटी हो रात जिसने करवट बदल बदल के। जी हां ये आखिरी रात थी जो बीतने का नाम ही नहीं ले रही थी। प्रत्याशियों का आलम यह था कि पूरी रात बेचैनी में कभी इस करवट तो कभी उस करवट। अपने अपने देवी देवताओं से मिन्नते करते ऐसा लगता था जैसे ये बारह घंटे की रात  किसी पहाड़ पर चढ़ने के सफर जैसा हो। हर किसी को बस एक ही इंतजार था कि कैसे सुबह हो और उनके भाग्य की काउंटिंग शुरू हो। गौरतलब हो कि जिले की नौ विधानसभा सीटों पर मतगणना आज सुबह आठ बजे से शुरू होगी। ऐसे में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के अलावा छोटे बड़े दलों व निर्दल प्रत्याशियों के लिए बुधवार की रात कातिलाना रात से कम नहीं रही। जहां समाजवादी पार्टी के सभी नौ प्रत्याशी वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में बने स्ट्रांग रूम के बाहर ईवीएम की रखवाली करने के लिए अपने अपने कार्यकर्ताओं के साथ मौजूद रहे तो वहीं भाजपा प्रत्याशी अपने कार्यालयों में चुनावी अंकगणित व कार्यकर्ताओं के साथ मतगणना की तैयारी करते दिखाई पड़े। पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने अपने बीस साल के राजनीतिक अनुभव का फायदा उठाते हुए अपनी पूरी टीम तैयार कर रखी है जो मतगणना के चौदह टेबल पर 31 राउंड तक चलने वाली गिनती पर पैनी निगाहें बनाये रखेगी। तो लकी यादव ने भी अपने समर्थकों को तैयार कर रखा है। एक एक वोटों की गिनती पर मतगणना एजेंट तैयारी करने में पूरी रात जुटे रहे। बसपा व कांग्रेस प्रत्याशियों ने भी मतगणना की पूरी तैयारी व रणनीति बना रखी है जो सुबह से मतगणना स्थल पर पहुंचकर अपनी पार्टी के वोटों पर पैनी निगाहें बनायेगी। निर्दल व छोटे दलों के प्रत्याशी भी अपने अपने एजेंटों को तैयार कर अपने वोटों की गिनती के लिए तैनात करते हुए दिखे। नौ विधानसभा सीटों पर कुल 121 प्रत्याशी मैदान मंे हैं जिनमें से नौ लोग ही विधायक चुने जायेगें। अधिकांश सीटों पर भाजपा व  समाजवादी पार्टी की सीधी टक्कर होते हुए नजर आई है तो वहीं मल्हनी मंे जदयू प्रत्याशी पूर्व सांसद धनंजय सिंह समाजवादी पार्टी के किले को ढहाने के लिए बेताब नजर आ रहे हैं। गौरतलब है कि एक दशक से मल्हनी में समाजवादी पार्टी का कब्जा है और धनंजय सिंह अकेले सपा को टक्कर देते रहे हैं। इस सीट पर न  सिर्फ जिले बल्कि प्रदेश व देश की निगाहें टिकी हुई हैं। चुनाव प्रचार के दौरान देश की बड़ी मीडिया कंपनियों ने इस सीट का विशलेषण जनता के सामने पेश किया था। इसलिए यह सीट वी वीआईपी बन गई है। तो वहीं सदर सीट पर नदीम जावेद के कंाग्रेस प्रत्याशी बनने से यह सीट भी हॉट सीट बन गई है। हलांकि मतदान के बाद रूझानों में नदीम जावेद का पलड़ा थोड़ा कम नजर आया बावजूद उनके कार्यकर्ताओं में उत्साह देखा गया। इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी राज्यमंत्री गिरीशचंद्र यादव के लिए भी बड़ी चुनौती है क्योंकि तीन दशक से सदर विधानसभा सीट पर कोई दोबारा विधायक लगातार नहीं चुना गया ऐसे में यह मिथक वह तोड़ पायेगें या नहीं इसका भी फैसला आज हो जायेगा। हलांकि सपा की साइकिल पर सवार 25 साल पहले बसपा की हाथी पर सवार सपा गठबंधन से अरशद खान विधायक बन चुके हैं। इस बार सपा ने उनको जब टिकट दिया तो वोह पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ते हुए नजर आये। बसपा ने भी मुस्लिम कार्ड खेला  और सलीम खान को यहां मैदान में उतारा था। ये उनका पहला राजनीतिक चुनाव था। ऐसे में जहां जिले के तीन पूर्व सांसद, एक राज्यमंत्री व सात विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है तो वहीं कई पूर्व विधायक भी इस बार विधायक बनने का सपना संजाये हुऐ थे। जिनके भाग्य का फैसला आज दोपहर तक ईवीएम से बाहर आ जायेगा। इसलिए सभी लोग अब विश्वविद्यालय के मतगणना स्थल पर निगाहें गड़ाये बैठें हैं कि कौन उनका नया विधायक चुना जायेगा और कौन हटाया जायेगा। लोकतंत्र के इस सबसे बड़े महापर्व की जीत होगी बल्कि नई सरकार के गठन में जिले के  नौ विधायक अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगें।

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