कविता के लिए देवदूत बने डॉ.इरफान खान
कृत्रिम घुटने का सफल प्रत्यारोपण कर दिया जीवनदान
जौनपुर। नगर के सिपाह स्थित किज हॉस्पिटल के निदेशक डॉ.इरफान खान एक बार फिर एक लड़की के लिए किसी फरिश्ते से कम साबित नहीं हो रहे हैं। मेडिकल इतिहास में उन्होंने एक और घुटने को अलग कर पुन: प्रतिस्थापित करने में सफलता हासिल की है। मरीज का पैर पिछले कई वर्षों से 90 डिग्री पर रूका हुआ था जिससे उसे चलने में कठिनाई हो रही था। डाक्टर इरफान के अनुसार उसे एनुक्लोसिस की बीमारी थी जिसमें घुटने की सारी हड्डियां आपस में चिपक जाती हैं और चलने में परेशानी व दर्द होता है। नगर के शकरमंडी मोहल्ले की रहने वाली 26 वर्षीय कविता मौर्या इस बीमारी से ग्रसित थीं और उनका सफल कृत्रिम घुटना प्रत्यारोपण कर डॉ.इरफान खान ने एक नया जीवन प्रदान किया है। कविता मौर्या का कहना था कि वे इस बीमारी के चलते विगत छह वर्षों से चलने से मजबूर थीं और कई डाक्टरों को दिखाने के बाद वे ना उम्मीद हो गई थीं। डॉ.इरफान खान को जब उन्होंने अपना घुटना दिखाया तो उन्होंने इसके प्रत्यारोपण की सलाह दी जिसपर वे राजी हो गर्इं। डॉ.इरफान की टीम ने कई घंटे की मशक्कत के बाद ऑपरेशन कर नया कृत्रिम घुटना लगाने में सफलता हासिल की। फिलहाल कविता की हालत ठीक है और कुछ दिनों के बाद वे चलने भी लगेंगीं। ऐसे में कविता मौर्या व उनके परिवार वाले डॉ.इरफान को देवदूत का दर्जा दे रहे हैं।
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