एमएलसी बृजेश सिंह प्रिंसू का भाजपा में जाना तय
पारिवारिक राजनीतिक विरासत को रखा सुरक्षित
पिता सुरेंद्र सिंह भाजपा किसान मोर्चा के रह चुके हैं जिलाध्यक्ष
दादा स्व. रामलखन सिंह स्वतंत्रता सेनानी व विधायक रहे
हिम्मत बहादुर सिंह
फोटो----4
जौनपुर। विधान परिषद सदस्य बृजेश सिंह प्रिंसू के भाजपा में शामिल होने के रास्ते साफ हो गये हैं। काफी दिनों से उनके भाजपा में जाने की अटकलें लगाई जा रहीं थीं। अब यह अटकलें वास्तविकता बदलने के आसार दिखाई दे रहे हैं। सूत्रों की मानें तो प्रदेश स्तर की भाजपा की ज्वाइनिंग कमेटी ने हरी झंडी दे दी है हलांकि अभी अधिकृत रूप से इसकी घोषणा नहीं हुई है लेकिन इतना तय है कि आगामी विधान परिषद सदस्य का चुनाव वह भाजपा के टिकट पर ही लड़ सकते हैं। उनके भाजपा में जाने की आहट होते ही सियासी पारा जनपद का चढ़ गया है। उनका राजनीतिक कद वैसे भी काफी बढ़ चुका है। पिछला विधान परिषद सदस्य का चुनाव उन्होंने बसपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतर कर विजय हासिल कर चुके हैं। उनकी सामाजिक व राजनीतिक विरासत साफ सुथरी है इसलिए वे भाजपा में आसानी से शामिल हो सकते हैं। वह अपने छह साल के कार्यकाल में अपनी राजनीतिक विरासत एवं साफ सुथरी छवि को बरकरार रखने में कामयाब रहे। वह बसपा के एमएलसी रहने के बावजूद विधानसभा सत्र के दौरान जब राष्ट्रीय हित का मुद्दा आया तो उन्होंने पार्टी को दरकिनार कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समर्थन में आगे आकर बयान भी दिया। जब वह योगी आदित्यानाथ के समर्थन में आगे आये तो उसी समय यह तय हो गया था कि आगे आने वाले समय में बृजेश सिंह प्रिंसू भाजपा का दामन थाम सकते हैं। ज्ञातव्य हो कि बृजेश सिंह प्रिंसू की राजनीतिक हैसियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बीते 2010 से करंजाकला विकास खंड से ब्लॉक प्रमुख निर्वाचित हुए और 2012 में प्रदेश में जब सपा की सरकार बनी तो एक मत से अविश्वास प्रस्ताव आया लेकिन उसके उपरांत हुए उपचुनाव में उन्होंने करंजाकला ब्लॉक से ब्लॉक प्रमुख निर्वाचित हुए और 2016 में विधान परिषद के स्थानीय निकाय के चुनाव में विधान परिषद सदस्य निर्वाचित हुए। उनसके पिता सुरेंद्र प्रताप सिंह करंजाकला ब्लॉ के ब्लॉक प्रमुख रहे और भाजपा के किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष रहे। वहीं दादा स्व.रामलखन सिंह स्वतंत्रा संग्राम सेनानी रहे तथा रारी विधान सभा वर्तमान में मल्हनी से विधायक भी रहे। उनको राजनीतिक विरासत परिवार से ही मिली है और उस विरासत को वह काफी सजगता से बरकरार रखे हैं।
0 Comments