पुरानी पेंशन बहाली के लिये युवा शिक्षकों को आना होगा आगेः धर्मेन्द्र यादव
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की बैठक में किया आह्वान
जौनपुर। आज दिनांक 09.08.2020 को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की बैठक कोविड-19 महामारी को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग के तहत बलराम यादव जनसेवा इण्टर कालेज कलीचाबाद में हुई। बैठक में क्रांति दिवस के अवसर पर कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष धर्मेन्द्र यादव ने युवा शिक्षक साथियों को अपने हक, अधिकार एवं सेवा सुरक्षा के प्रति सतर्क एवं सावधान करते हुए आह्वान किया कि यदि एनपीएस (अंशदायी पेंशन योजना) को भारत से भगाना है, शिक्षा को निजीकरण से बचाना है और बुढ़ापे की लाठी पूरी पुरानी पेंशन को बहाल कराना है तथा लाखों वित्तविहीन शिक्षकों की सेवा नियमावली बनाने एवं समान कार्य के लिये समान वेतन की व्यवस्था लागू कराना है तो इस क्रांति दिवस के अवसर पर 09 अगस्त 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के समय अंग्रेजों को भगाने के लिये समस्त देशवासियों को एकजुट करने के लिये राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा दिये गये मूलमंत्र ‘करो या मरो’ से प्रेरणा लेना होगा। तभी हमारे बुढ़ापे की लाठी रूपी पेंशन बहाल हो सकती है और शिक्षा को निजीकरण से बचाया जा सकता है। प्रदेश कोषाध्यक्ष अरविन्द कुमार तिवारी ने कहा कि सेवानिवृत्तों के भरोसे शिक्षकों का भविष्य नहीं छोड़ा जा सकता। इसलिए अब सेवारत, युवा संघर्षशील शिक्षक साथियों को अपनी सुविधाओं को बचाने और समस्याओं को सुलझाने के लिये संगठन के साथ जुड़कर उसे मजबूत बनाना होगा। जिला संयोजक राजेश कुमार ने क्रांति दिवस पर युवा शिक्षकों से सेवानिवृत्तों के विषय में कहा कि जाके पांव न फटी बिवाई, सो का जानै पीर पराई। इसलिए हमें खुद संगठन से जुड़कर अपने लड़ाई लड़नी होगी, तभी हमारा भविष्य सुरक्षित होगा।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की बैठक में किया आह्वान
जौनपुर। आज दिनांक 09.08.2020 को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की बैठक कोविड-19 महामारी को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग के तहत बलराम यादव जनसेवा इण्टर कालेज कलीचाबाद में हुई। बैठक में क्रांति दिवस के अवसर पर कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष धर्मेन्द्र यादव ने युवा शिक्षक साथियों को अपने हक, अधिकार एवं सेवा सुरक्षा के प्रति सतर्क एवं सावधान करते हुए आह्वान किया कि यदि एनपीएस (अंशदायी पेंशन योजना) को भारत से भगाना है, शिक्षा को निजीकरण से बचाना है और बुढ़ापे की लाठी पूरी पुरानी पेंशन को बहाल कराना है तथा लाखों वित्तविहीन शिक्षकों की सेवा नियमावली बनाने एवं समान कार्य के लिये समान वेतन की व्यवस्था लागू कराना है तो इस क्रांति दिवस के अवसर पर 09 अगस्त 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के समय अंग्रेजों को भगाने के लिये समस्त देशवासियों को एकजुट करने के लिये राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा दिये गये मूलमंत्र ‘करो या मरो’ से प्रेरणा लेना होगा। तभी हमारे बुढ़ापे की लाठी रूपी पेंशन बहाल हो सकती है और शिक्षा को निजीकरण से बचाया जा सकता है। प्रदेश कोषाध्यक्ष अरविन्द कुमार तिवारी ने कहा कि सेवानिवृत्तों के भरोसे शिक्षकों का भविष्य नहीं छोड़ा जा सकता। इसलिए अब सेवारत, युवा संघर्षशील शिक्षक साथियों को अपनी सुविधाओं को बचाने और समस्याओं को सुलझाने के लिये संगठन के साथ जुड़कर उसे मजबूत बनाना होगा। जिला संयोजक राजेश कुमार ने क्रांति दिवस पर युवा शिक्षकों से सेवानिवृत्तों के विषय में कहा कि जाके पांव न फटी बिवाई, सो का जानै पीर पराई। इसलिए हमें खुद संगठन से जुड़कर अपने लड़ाई लड़नी होगी, तभी हमारा भविष्य सुरक्षित होगा।
0 Comments