नम आंखों से लोगो ने दी अंतिम विदाई।
- अंतिम दर्शन के लिए उमड़ा जन सैलाब
- शोक में डूबा पूरा क्षेत्र
- लोगो ने जिंदाबाद के नारो से दी अंतिम विदाई
गाड ऑफ ऑनर के सम्मान से क्षेत्र के लोगो का चौड़ा हुआ सीना
फोटो।
सिरकोनी। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में क्षेत्र का लाल मंगलवार को शहीद हो गया था। इस मुठभेड़ में एक आतंकी भी मारा गया था। जलालपुर थाना क्षेत्र के बहादुरपुर इजरी निवासी जिलाजीत यादव 25 वर्ष पुत्र स्व कान्ता यादव पुलवामा के कामराजीपोरा इलाके में मंगलवार की रात आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हो गया। जवान जिलाजीत यादव आर आर 53 बटालियन में सिपाही के पद पर तैनात थे। जिलाजीत यादव की तीन वर्ष पहले शादी हुई थी। उनका सात माह के एक बेटा भी है। वही शहीद के पिता का दो वर्ष पहले निधन हो गया था। शहीद जिलाजीत अपने पिता के इकलौते बेटे थे। शुक्रवार की सुबह 9 बजे शहीद जिलाजीत यादव का पार्थिक शरीर उनके पैतृक गांव बहादुरपुर इजरी पहुँचा लोगो की भीड़ काफी होने की वजह से पुलिस को भीड़ को काबू करने के लिए बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ा। शहीद जिलाजीत यादव को गाड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई दी गयी। मौके पर जिलाधिकारी दिनेश सिंह, पुलिस अधीक्षक अशोक सिंह,प्रभारी मंत्री उपेंद्र तिवारी , राज्यमंत्री गिरीश यादव,जफराबाद विधायक हरेंद्र प्रसाद सिंह ,सहित तमाम नेता व अधिकारी मौजूद रहे ।
जलालपुर चौराहे से लेकर गांव तक लगा रहा जमावड़ा ।
सिरकोनी। शहीद जिलाजीत यादव के अंतिम दर्शन के लिए जलालपुर चौराहे से लेकर सिरकोनी बाजार इजरी बाजार तक उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगो की लगी रही भीड़ लोग जिलाजीत यादव की एक झलक के लिए रहे बेकाबू, ।
पुलिस प्रशासन रहा मुस्तैद ।
।सिरकोनी। भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन को काफी मुश्किलो का सामना करना पड़ा। तब भीड़ को पुलिस काबू करने में नाकाम रही ।
जिलाजीत यादव के अमर रहे नारो से गूँजता रहा क्षेत्र ।।
सिरकोनी। जिलाजीत की अंतिम दर्शन करने के लिए लोगो की भीड़ इकट्ठी हुई और जिलाजीत अमर रहे , जिंदाबाद के नारों से पूरा क्षेत्र गूँजता रहा । उसके बाद लोगो ने अंतिम दर्शन किया।
सैनिको ने दिया गाड ऑफ ऑनर
सिरकोनी। सैनिको ने अपने साथी को गाड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई दी ।जिसमे
केपी सिंह, पीके यादव ,शहीद अन्य जवान मौजूद रहे।
शहीद जिलाजीत यादव के साथी सैनिक सुभाष पाल से बात की गई तो सुभाष ने बताया कि हम जिलाजीत साथ रहते थे। हम लोगो की पोस्टिंग श्रीनगर में थी हम लोग साथ रहते थे। और हम 15 दिन पहले छुट्टी लेकर घर आये थे पता चला कि जिलाजीत शहीद हो बहुत दुःख हुआ। उसका अंतिम दर्शन करने के लिए हम लोग इसके पैतृक गांव आये ।
सैनिक
सुभाष पाल
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