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ISRO-IIRS देहरादून के ऑनलाइन पाठ्यक्रमों का नोडल केंद्र बना पूर्वांचल विश्विद्यालय।Don News Express


ISRO-IIRS देहरादून के ऑनलाइन पाठ्यक्रमों का नोडल केंद्र बना पीयू

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की उपलब्धि में एक और अध्याय जुड़ गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के देहरादून स्थित भारतीय रिमोट सेंसिंग संस्थान ने अपने आउटरीच प्रोग्राम के अन्तर्गत ऑनलाइन पाठ्यक्रमों का संचालन करने के लिए पूर्वांचल विश्वविद्यालय के रज्जु भैया संस्थान के भू एवं ग्रहीय विज्ञान विभाग को नोडल केंद्र के रूप में शामिल कर लिया।
आईआईआरएस आउटरीच प्रोग्राम ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म का उपयोग करके अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और इसके अनुप्रयोगों में अकादमिक और उपयोगकर्ता सेगमेंट को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करता है। इस कार्यक्रम के तहत ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म, लाइव एंड इंटरएक्टिव मोड (जिसे EDUSAT के रूप में जाना जाता है) और ई-लर्निंग मोड का उपयोग करके दो वितरण प्रणाली विकसित की गई है। लाइव और इंटरएक्टिव क्लास के अंतर्गत रिमोट सेंसिंग, भौगोलिक सूचना प्रणाली, ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम और संबंधित भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों के उपयोग के बारे में प्रशिक्षण दिया जाता है।  ई-लर्निंग मोड स्व-पुस्तक और शिक्षार्थी केंद्रित हैं और ऑनलाइन सिम्युलेटेड शिक्षण सामग्री का उपयोग करके दूरस्थ संवेदन और भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी में अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए शिक्षाविदों और शोद्यार्थियों को लक्षित करता हैं। इसरो-आईआईआरएस के इस प्रोग्राम के तहत विश्वविद्यालय के स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के छात्र / वैज्ञानिक कर्मचारी / शोधकर्ता भाग ले सकते हैं। उन्हें ऑनलाइन क्लास एवं परीक्षा के उपरांत सर्टिफिकेट भी मिलेगा। वर्तमान में ऑनलाइन पाठ्यक्रम जैसे कि कृषि जल प्रबंधन में रिमोट सेंसिंग के अनुप्रयोग, रिमोट सेंसिंग भौगोलिक सूचना प्रणाली और ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम जैसे कोर्स के लिए छात्र आईआईआरएस आउटरीच प्रोग्राम के अन्तर्गत वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय को चुन कर आवेदन कर सकते हैं
विभाग ने यह उपलब्धि असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. श्रवण कुमार के प्रयासों से प्राप्त किया है, जो कि वर्तमान में इस आउटरीच प्रोग्राम के समन्वयक हैं। उन्होंने बताया कि इस प्रोग्राम के शुरू होने से विशेषकर भू एवं ग्रहीय विज्ञान विभाग के अंतर्गत संचालित स्तानक एवं परास्नातक पाठ्यक्रमों (एटमोस्फियरिक साइंस एवं एप्लाइड जियोलॉजी ) में प्रवेश लेने वाले छात्रों को लाभ मिलेगा एवं भविष्य में उन्हें इसरो जैसी अन्य केंद्रीय प्रयोगशालाओं में कार्य करने का अवसर प्राप्त हो सकेगा। इस प्रोग्राम के शुरू होने से पूर्वांचल विश्वविद्यालय अब इस क्षेत्र में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के समकक्ष हो गया है। विभाग की इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) राजाराम यादव ने बधाई दी है। इस अवसर पर संस्थान के डायरेक्टर प्रो. देवराज सिंह, डॉ प्रमोद यादव , डॉक्टर नितेश जयसवाल, डॉ श्याम कन्हैया सहित अन्य शिक्षकों ने भी बधाई दी।
फोटो- स्वर्ण.jpg
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