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राजस्थान सरकार के संकट पर 'इंतजार करो और देखो' की मुद्रा में ही रहेगी बीजेपी:Don News Express

राजस्थान बीजेपी ने आज यह साफ कर दिया कि पार्टी फिलहाल 'इंतजार करो और देखो' की मुद्रा में ही रहेगी. बीजेपी ने ये फैसला ऐसी स्थिति में किया है जब कांग्रेस में गहलोत और पायलट खेमों के बीच तनाव कम होता नजर आ रहा है. बीजेपी को भी लग रहा है कि फिलहाल अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बने रहेंगे. मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों की मानें तो सरकार के पास इस समय 106 विधायकों का समर्थन है जो बहुमत के आंकड़े से ज्यादा है. 
राजस्थान विधानसभा में नेता विपक्ष गुलाब सिंह कटारिया से सदन में बहुमत परीक्षण के बारे में पूछे जाने पर कहा , "फिलहाल हमें इसकी जरूरत महसूस नहीं हो रही है. अगर जरूरत पड़ेगी तो पार्टी में मिलकर फैसला लिया जाएगा."
आज सुबह कांग्रेस बागी सचिन पायलट ने इस बात को खारिज कर दिया कि वे बीजेपी का दामन थाम रहे हैं. कांग्रेस द्वारा पार्टी और सरकारी पदों से हटाए जाने के बाद से पायलट के तेवर नरम हो गए हैं. यहां तक कि पार्टी अब उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म करने की दिशा में भी विचार कर रही है.गौरतलब है कि मध्यप्रदेश से इतर राजस्थान में कांग्रेस के पास विधायकों की संख्या अधिक और बीजेपी के पास कम है, जबकि मध्यप्रदेश में यह अंतर बहुत बड़ा नहीं था. राजस्थान में बीजेपी के 73 विधायक हैं और पार्टी को सरकार बनाने के लिए 35 विधायकों का समर्थन चाहिए. जो कि फिलहाल होता नजर नहीं आ रहा है. 
इन परिस्थितियों में जब तक यह साफ नहीं हो जाता कि पायलट के साथ कितने विधायक हैं ,बीजेपी शायद ही कोई भूल करे. पार्टी सूत्रों की मानें तो बीजेपी के भीतर भी इस बात को लेकर स्पष्टता है कि जब तक उनके पास बहुमत का आंकड़ा नहीं होगा वे सरकार बनाने की कोशिश नहीं करेंगे। 
इसी चलते शायद सचिन पायलट और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के बीच मुलाकात नहीं हो सकी है. माना जा रहा है कि शुरुआत में पायलट के साथ 33 विधायक थे लेकिन विधायकों की संख्या कम होती चली गई। 

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