जौनपुर सरायख्वाजा के भदेठी कांड के बाद ना सिर्फ प्रदेश बल्कि देश की राजनीति में भूचाल आ गया है।दलित व एक खास विशेष वर्ग के बीच मामूली से विवाद के बाद आगजनी की घटना ने लोगों को राजनीति करने का मौका दे दिया। सबसे पहले प्रदेश की भाजपा सरकार ने इस पर तत्काल कार्यवाही करते हुए ना सिर्फ दलित पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया बल्कि समाजवादी पार्टी के एक नेता सहित 40 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज कर न सिर्फ गैंगस्टर व रासुका लगाने का ऐलान किया बल्कि अपने कानून का राज होने का डंका पीट डाला। फिर क्या था अन्य दलों के लोगों ने भी उक्त गांव की ओर रुख करना शुरू कर दिया और अचानक जौनपुर जिले का यह गांव ना सिर्फ प्रदेश बल्कि देश की राजनीति में चर्चा का विषय बन गया मंगलवार को अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के आदेश पर अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष नदीम जावेद ,पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ,प्रदीप माथुर ,मिन्नत रहमानी ,शाहनवाज आलम ,व कांग्रेस के जिला अध्यक्ष फैसल हसन तबरेज के साथ कांग्रेस की पूरी टीम गांव में पहुंची और दोनों पक्षों से मिलकर बारीकी से जांच की ।इन सभी वरिष्ठ नेताओं का कहना था कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और जो भी इस घटना के पीछे दोषी है उसके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए पर जिस तरह से एक खास विशेष वर्ग के लोगों को परेशान किया जा रहा है। यह ठीक नहीं है ।घटना की पूरी जांच उच्चस्तरीय होना अतिआवश्यक है जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सत्यवीर सिंह, नगर अध्यक्ष सौरभ शुक्ला, पंकज सोनकर, धर्मेंद्र निषाद, राजकुमार गुप्ता , मुफ्ती मेहंदी, गौरव सिंह सैनी, हाशिम अली, बब्बी खान,सहित अन्य लोग मौजूद थे।कांग्रेश प्रतिनिधिमंडल ने भदेठी में दोनों पक्षों से की मुलाकात
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