कफन खसोट डॉक्टर
......कैलाश सिंह........ 
_गर्भवती की डिलिवरी का सौदा जौनपुर के राजकीय महिला अस्पताल मे होता है खुलेआम, सीएचसी, पीएचसी से होती है शुरुआत. आशा बहुओं को बनाते हैं माध्यम.
_3 फरवरी को जिले के बीरीबारी सीएचसी की डॉक्टर ने प्रसूता सुहानी सिंह का केस गंभीर बताकर वाराणसी के पांडेपुर के अपने अस्पताल मे भर्ती कराने की सलाह दी. परिजन नहीं माने तो जिला अस्पताल किया रेफर.
_ यहाँ सुहाना को 797 नम्बर पर रजिस्टर करके फिर सब जांच करके बताया केस गम्भीर है. रक्त. प्लेटलेट. हीमोग्लोबिन कम और शुगर ज्यादा होने से इलाज सरकारी मे नहीं हो पाएगा. अपने अस्पताल में भर्ती कराने को कह दिया. नहीं माने परिजन तो शहर के उन तमाम अस्पताल के नाम बताए जिनसे उनको मिलते हैं कमीशन.
. लाचार परिजन निजी गाड़ी से ले गए अपने घर डोभी क्योंकि बड़े डॉक्टर ने सभी रिपोर्ट जब्त करके एम्बुलेंस चालक को ले जाने से कर दिया मना. बेरीबारी सीएचसी से आया चालक जा चुका था. घटना के समय रात को 12 बज रहे थे.
_लाचार परिजन 4 फरवरी को आजमगढ़ के निजी अस्पताल में 1200 में जांच कराए तो सब नार्मल मिला.
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जौनपुर! सरकार प्रसुताओं के लिए कितना खर्च कर रही यह गाँव के लोग भी जानते हैं लेकिन सरकारी डॉक्टर मे अधिकतर इसे धन्धा बना दिए हैं. राजकीय अस्पताल को रेफरल सेंटर बना दिए हैं. यहाँ आपरेशन टेबल पर भी प्रसूता के नाम पर कफन खसोट लेते हैं. कितनी महिलाओं   का पेट फाड़ने के बाद उनके परिजन से सौदा होता है. यह प्रमाणिक घटना और जनपद के अस्पताल तो बानगी हैं ऐसा प्रदेश भर में दशकों से हो रहा है. इतना ही नहीं. पुलिस तो सच में बदनाम है लेकिन हर विभाग का कोई अफ़सर बिना पैसे के कार्य नहीं करता. जिले में लगभग ढाई हजार भू माफिया चिन्हित प्रशासन ने ही किया. करोड़ों वसूली खुद के लिए करके मामले को पेंडुलम बना दिया. पिस रहा आम इंसान. लूट रहे कथित नेता और अधिकारी. क्रमशः.......