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सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को किसी मजहब के चश्मे से देखना गलत:ज़फ़र सरेशवाला।Don News Express

जौनपुर। भारतीय समाज में शिक्षा की अलख जगाने का दावा करते तालीम की ताकत का नारा देकर चले यहां जनपद के मोहम्मद हसन पीजी कॉलेज में महान वैज्ञानिक पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की जयन्ती पर शिरकत करने आये भारत के बड़े व्यवसायी एवं मौलाना आजाद उर्दू नेशनल यूनिवर्सिटी के पूर्व चांसलर

जफ़र सरेश वाला ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि हमारा मकसद है कि समाज की सभी कौम की आने वाली पीढ़ियां शिक्षित होकर विकास के मार्ग पर आगे बढ़े।

उन्होंने कहा कि कोई भी समाज बिना शिक्षा के ऊपर नहीं आ सकता है। शिक्षा ही विकास का मार्ग खोलती है। देश में गरीबी किसी मजहब और जाति को देखकर नहीं समझी जा सकती है। शिक्षा से तरक्की पायी जा सकती है।

सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को किसी मजहब के चश्मे से देखना गलत है।  

उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ सभी को उठाने की जरूरत है। ताकि देश आत्मनिर्भर बन सके। किसी भी शिक्षित समाज के लिए जरूरी है कि उसका चरित्र बेहतर हो। ताकि शिक्षा और चरित्र मिलकर एक अच्छा समाज बने। कार्यक्रम का उद्देश्य समाज के गरीब व वंचित परिवार के बच्चों को शिक्षा से जोड़कर उन्हें मुख्य धारा में लाने का प्रयास है।

उन्हें शिक्षा के प्रति जागृत करना है। यह  कार्यक्रम अब तक देश के 53 से ज्यादा शहरों में किया जा चुका है। इसी क्रम में सरेश वाला ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सरकार बड़ा सहयोग दे रही है। युवा पीढ़ी को उसका लाभ उठाना चाहिए। हमारे द्वारा इन्ही मुद्दो को लेकर जहां भी शैक्षिक संस्थान द्वारा आमंत्रित किया जाता है। वहां पहुंच कर युवाओं को जागरूक करने का काम किया जा रहा है।

गुजरात की चर्चा करते हुए बताया कि हमारे अभियान का परिणाम है कि यहां पर शिक्षा का स्तर खास कर मुसलमानो में अधिक बढ़ा है।गुजरात में महिला पुरूष सभी शिक्षा के प्रति जागरूक हो गये है। मदरसा शिक्षा के बाबत कहा कि वे लोग जो पढ़ा रहे उससे हमारा कोई लेना देना नहीं, लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में हम जो देना चाहते है अगर लेना चाहे तो हम उनके बच्चो को शिक्षित बनाने का प्रयास जरूर करेंगे। 

मीडिया से बात करते समय जब कई बार पीएम मोदी के नाम का सम्बोधन किया तब जब मीडिया से सवाल उठा कि मोदी जी से मुलाकात अन्तिम बार कब हुई तो बात को टाल गये और कहा कि पीएम है उनके समक्ष बड़े काम है। हिजाब के सवाल मामले को सुप्रीम कोर्ट में होने की बात करते हुए टाल गये।इस तरह मीडिया के तमाम सवालों से कन्नी काटते हुए जवाब देने से परहेज करते रहे। उनकी पीसी में मोदी जी छाये रहे।

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