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मेरे भाई सपा विधायक लकी यादव से मेरी जान को खतरा:ओम यादव।Don News Express

सपा विधायक लकी यादव से मेरी जान को खतरा:ओम यादव
पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व.पारसनाथ यादव के परिवार में हुआ विवाद
भाईयों के बीच राजनीतिक विरासत व संपत्ति का है मामला
फोटो-- फाइल फोटो स्व.पारसनाथ यादव के परिवार के साथ।
फोटो-- फेसबुक पर ओम यादव के आरोप की पोस्ट।
जौनुपर। प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में अपने राजनैतिक कद  व रसूख के चलते पहचान रखने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व.पारसनाथ यादव के परिवार में फूट पड़ने से राजनीति मंे भूचाल आ गया। पिता की राजनैतिक विरासत व सम्पत्ति के बंटवारे का मामला मंगलवार को उस समय चर्चा में आ गया जब स्व.पारसनाथ यादव के छोटे पुत्र ओम यादव ने सोशल मीडिया पर ये लिखकर आरोप लगाया कि मुझे अपने बड़े भाई  मल्हनी विधान सभा से सपा विधायक लकी यादव से अपनी जान का खतरा बना हुआ है। उन्होंने मंगलवार को फेसबुक पर किये अपने पोस्ट में साफ कहा है कि अगर उनपर जानलेवा हमला होता है या कोई दुर्घटना होती है तो इसके ज़िम्मेदार विधायक लकी यादव होंगे। वहीं लोग इसे पारिवारिक विवाद बताते हुए घर में ही सुलझा लेने की नसीहत दे रहे हैं। विधायक लकी यादव के छोटे भाई ओम यादव ने मोबाइल फोन पर बातचीत के दौरान कहा कि इन दिनों उनके साथ गलत हो रहा है। विधायक होने के दम पर उनके भाई लकी यादव ने बीते 1 अक्टूबर को उनकी पिस्टल तक छीन ली है। जब वह इसकी शिकायत करने कोर्ट गए तो समाजवादी पार्टी के कुछ जिम्मेदार लोगों ने समझा-बुझाकर वापस बुला लिया। ओम यादव का कहना है कि पिताजी कोई जायदाद बांटकर नहीं गए हैं। उनके भाई लकी यादव उनके साथ गलत बर्ताव कर रहे हैं। जो पोस्ट उन्होंने लिखी है वह सौ फ़ीसदी सच है। उनकी आईडी हैक नहीं हुई है। यह पोस्ट उन्होंने खुद फेसबुक पर लिखी है। इस पोस्ट का लकी यादव ने जवाब देते हुए बताया की पिता जी जायदाद बांट कर गए थे। लकी यादव का कहना है कि छोटे भाई ओम यादव से उनका कोई विवाद नहीं है। हां, यह सच है कि ओम यादव से उनकी बात कम ही होती है। पिता पारसनाथ यादव जीवित रहते तीनों भाइयों में जमीन-जायदाद बराबर बांट कर गए थे। इसलिए इस बिंदु पर भी कोई विवाद नहीं है। पोस्ट लिखने के पीछे ओम यादव की क्या मंशा है यह उनकी समझ में नहीं आ रही है। गौरतलब है कि स्व.पारसनाथ यादव के तीन पुत्र हैं जिनमें  सबसे बड़े लकी यादव हैं। खुद पारसनाथ यादव उन्हें अपनी राजनीतिक विरासत सौंप कर गये थे लेकिन ओम यादव व वेद यादव ने भी पंचायत चुनाव में अपने भाग्य को आजमाने के लिए चुनाव मैदान में उतरे थे पर उन्हें वोह सफलता नहीं मिल पाई जिसकी वे चाह रख रहे थे। आखिरकार परिवार में फूट का जहर फैलता दिखाई पड़ने से हर तरफ इस परिवार की चर्चा एक बार फिर सुर्खियां बन गया है।

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