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इस्लामी इबादत में रोज़ा एक ऐसी इबादत है ,जो अमीर ग़रीब के बीच के फर्क को कम कर देती है:मौलाना महफुज़ुल हसन खां।Don News Express

इस्लामी इबादत में रोज़ा एक ऐसी  इबादत है ,जो अमीर ग़रीब के बीच के फर्क को कम कर देती है 
,,मौलाना महफुज़ुल हसन खां,,
जौनपुर, 
07 रमज़ान को शिया ‌जामा मस्जिद नवाब बाग़ जौनपुर में
शेख़ नूरुल हसन मेमोरियल सोसायटी की जानिब से रोज़ा अफतार का आयोजन किया गया  जिसमें इमामे जुमा शिया जामा मस्जिद नवाब बाग़ मौलाना महफुज़ुल हसन खां ने नमाज़ मग़रेबैन अदा कराई । उन्होंने इस मौक़े पर रोज़े की अहमियत पर रोशनी डालते हुए कहा कि रोज़ा इस्लामी इबादत में एक ऐसी इबादत है जो अमीर ग़रीब के बीच के फर्क (अन्तर  ) को कम कर देती हैं सभी रोज़ेदारों की  एक जैसी अवस्था  रहती है रमज़ान  मुस्लिम समाज को समता यानी बराबरी का पैग़ाम देता है इस अवसर पर शेख़ नूरुल हसन मेमोरियल सोसायटी के प्रबन्धक/सचिव शेख़ अली मंज़र डेज़ी के  माता व पिता की मग़फेरत की दुआ की गई  तथा इस मौके पर उनके पिता शेख़ हसीन अहमद की मजलिसे छमाही का भी आयोजन किया गया। जिसे मौलाना महफुज़ुल हसन खां ने संबोधित किया  । समाजसेवी शेख़ अली मंज़र डेज़ी ने  मस्जिद में तमाम उपस्थित रोज़ेदारो और नमाज़ियो  का शुक्रिया अदा किया और देशवासियों को रोज़ा एवम् नवरात्र के अवसर पर मिल जुलकर मनाने का आह्वान किया  जो हमारे देश की गंगा जमुनी संस्कृति का हिस्सा है , कि हम सब भारतीय हर त्योहार को मिलजुलकर मनाते हैं इस मौके पर  हुसैनी फोरम इंडिया के जिला महासचिव तहसीन अब्बास सोनी , वरिष्ठ कांग्रेस नेता सैय्यद परवेज़ हसन , शिया जामा मस्जिद जौनपुर के प्रवक्तासैय्यद असलम नक़वी , शकील अहमद एडवोकेट रिटायर बैंक मैनेजर , सैय्यद शाहिद रिज़वी गुड्डू , नौशाद हसन प्रिन्टर , नासिर रज़ा गुड्डू, अहमद, ए,एम, डेजी समेत काफी रोज़ेदार मौजूद थे।

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