"फैसल हसन #तबरेज"यह वह नाम है जिसने कांग्रेस को जौनपुर जिले में जिलाध्यक्ष पद पर रहते हुए नया मुकाम दिया। एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष हो या फिर यूथ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष फैसल ने अपनी पार्टी के निर्देश पर तत्काल प्रभाव से काम शुरू किया। जब जिलाध्यक्ष बने थे तब उनकी मां बीएचयू में काफी सीरियस थी, दिनभर पार्टी का काम करने के बाद रात को वह सीधे अपनी #मां से मिलने बीएचयू हॉस्पिटल पहुंच जाते थे। मां कहती तुम अपना काम करो, हमारी #दुआ तुम्हारे साथ है,अध्यक्ष जी क्योंकि आज मेरा सपना तुमने पूरा किया,कुछ ही दिन बीएचयू में मां का साया इलाज के दौरान फैसल के ऊपर से उठ गया,पर फैसल हिम्मत नहीं हारे और अपनी मां की दुआ के साथ "कांग्रेस "का #झंडा ,एजेंडा लेकर सड़कों पर निकल पड़ा। 2012 में पार्टी ने लगभग फैसल हसन तबरेज़ का टिकट पक्का कर दिया था,लेकिन नदीम जावेद को अपना अधिकृत प्रत्याशी बना कर मैदान में जब पार्टी ने भेजा तो फैसल ने पूरी कर्तव्य निष्ठा के साथ पार्टी को जिताने में जुट गये और आखिरकार फैसल की पूरी टीम ने इतिहास रचा तो,सभी ने फैसल के सिर पर जीत का सेहरा बांधा। 2017 के विधानसभा चुनाव में भी सपा कांग्रेस गठबंधन में फैसल हमेशा नदीम के साथ खड़े दिखाई पड़े,पर अति आत्मविश्वास के चलते उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2014 के लोकसभा चुनाव में जिस तरह से कांग्रेस प्रत्याशी रविकिशन को उन्होंने चुनाव लड़ाया वह सब ने देखा था जब पार्टी के बड़े नेता ही रविकिशन का विरोध करते हुए दिखे पर फैसल ने पार्टी का साथ देते हुए मुकाबला किया।।। 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी लगातार नदीम जावेद को जौनपुर सदर विधानसभा से चुनाव लड़ने का निर्देश देती रही लेकिन वह कुछ आनाकानी करते हुए नजर आए,ऐसे में उन्हें निष्ठावान कार्यकर्ता फैसल पर अपना दांव खेला और फिर क्या था फैसल मैदान में एक सेनापति की तरह उतरे और मोर्चा संभाल लिया।आज जिस तरह से एक बार फिर पार्टी ने एक कार्यकर्ता का मनोबल तोड़ कर दूसरे पैराशूट वाले नेता को मैदान में उतारा उससे कहीं न कही पार्टी कार्यकर्ता व समर्थक मायूस जरूर होंगे। लेकिन इतना जरूर कहेंगे की फैसल शेर था,और शेर की तरह दहाड़ हमेशा मारता रहेगा। दोस्त तुम लड़ाई जारी रखो सफलता तुम्हें जरूर मिलेगी। हम सब तुम्हारे साथ हैं और हमेशा संघर्ष में खड़े रहेंगे।
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