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नही रहे गरीबों के मसीहा हाजी सादिक़ मेंहदी,शोक संवेदना प्रकट करने वालो का लगा तांता।Don News Express

आज के इस दौर में बिना किसी दिखावे और प्रचार के बड़ी ख़ामोशी के साथ दिल खोल कर धार्मिक कार्यों और जनसेवा में ख़र्च करने वाले, नेक, मुख़लिस नेक स्वभाव के मालिक जौनपुर जनपद की एक अज़ीम शख्सियत ।  उत्तर प्रदेश जौनपुर के मुहल्ला बलुवाघाट मक़बूल मंज़िल के निवासी जनाब सादिक़ मेहंदी(उर्फ़ सद्दन चाचा) के निधन की ख़बर स्तब्ध करने वाली थी। बलुवाघाट के पूर्व सभासद  शाहिद मेहंदी के पिता सादिक़ साहब की गिनती नगर के प्रतिष्ठित कपड़ा व्यावसायियों में थी। अपनी मेहनत,लगन और ईमानदारी के बलबूते उन्होंने पहले इंदिरा मार्केट उसके बाद वहां से दुकान शिफ्ट कर के कसेरी बाज़ार में स्थित  मेहंदी क्लॉथ स्टोर को एक कामयाब प्रतिष्ठान बनाया। इस युग में लोग कुछ सैकड़े और हज़ार रुपये खर्च करके सामाजिक प्रतिष्ठा चाहते हैं।   लाखों रुपये इतनी ख़ामोशी से नेक कार्यों में ख़र्च करते थे के किसी को ख़बर भी नहीं होती थी। उन्होंने शिया जामा मस्जिद के जर्जर हो चुके मुख्य द्वार को भी बनवाया हाजी साहब धार्मिक कार्यों व जनसेवा में  धन खर्च करने को अपना फ़र्ज़ समझते थे। जब लॉक डाउन लगा शहर में तो उनके लड़के शाहिद मेहंदी से हमारी मुलाकात हुई वह गरीबों को लॉकडाउन में किसी तरह की परेशानी ना हो इसके लिए उनके घर घर जा रहे थे ।उन्होंने हमसे कहा कि अब्बा ने कहा है कि अगर जरूरत पड़ी इस लॉकडाउन में तो  प्रॉपर्टी बेचकर भी जरूरतमंद लोगों की मदद की जाएगी मरहूम हज भी कर चुके थे और कर्बला की ज़ियारत का शरफ़ भी हासिल था। हजरत इमाम हुसैनअ,से, की वेलादत को बड़े ही जोश खरोश के साथ मनाते थे  आज मैंने अपना एक नेक और क़ाबिले ज़िक्र बुज़ुर्ग खोया है। जिन्होंने मेरी हमेशा हौसला अफज़ाई की। अल्लाह उनकी मग़फ़िरत करे। एव शाहिद भाई, कुमैल भाई और पूरे कुनबे को सब्र अता करे।

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