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गोमती तट की जमीन भी हजम कर गये भू-माफिया बदलापुर पड़ाव से कलीचाबाद पुलिया तक 250 भू-माफिया चिह्नित| Don News Express



जौनपुर महायोजना (2021)-10
दबंग भू-माफिया पर प्रशासन का शिकंजा कस्ता जा रहा है
इनमें बगैर नक्शे के बनी बिल्डिंग भी शामिल
महायोजना 2021 के तहत प्रशासन 1600 भू-माफिया में से 250 लोगों को नोटिस देने के लिए तैयारी कर ली है। इनके साथ भी वही सख्ती व नियम कानून बरता जा रहा है जो झील के सभी घड़ियाल भू-माफिया के साथ किया गया है। इन्हें भी पहले नोटिस दी जायेगी उसके तहत उनका पक्ष सुना जायेगा। इसके बाद जो लोग कानून का उल्लंघन करते हुए मिलेगें उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी और उनके भवन गिरा दिये जायेगें। इस इलाके में तमाम ऐसे भू-माफिया भी मिलें हैं जो गोमती नदी के किनारे की जमीन निगल गये हैं।
नगर कोतवाली क्षेत्र के बदलापुर पड़ाव से लेकर कलीचाबाद पुलिया तक कुल 250 लोगों को सूचीबद्ध किया गया है। यह संख्या उन्हीं 1600 लोगों में शामिल है जिसमें शहर के विभिन्न इलाकों में भू माफिया सरकारी जमीन पर काबिज हैं। इनमें बहुतेरे ऐसे भी हैं जो बिना नक्शे पास कराये या फर्जी नक्शा से भवन बनाकर उसमें व्यवसाय अर्से से कर रहे हैं। प्रशासन का मास्टर प्लान विभाग और नगर पलिका महकमा जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा द्वारा करायी गई जांच के तहत सबको नोटिस देने का क्रम शुरू हो गया है। सभी को हफ्ते दो हफ्ते के भीतर निर्धारित तिथि पर सिटी मजिस्ट्रेट/नियत प्राधिकारी के समक्ष प्रस्तुत होकर अपने भवन व जमीनों
250 लोगों को भेजी जायेगी नोटिस: जेई मास्टर प्लान
जौनपुर मास्टर प्लान के जेई रोहन यादव ने बताया कि महायोजना 2021 के तहत 1600 लोगों का चिन्हिकरण किया गया है। जिसमें 1 सेक्टर बनाये गये हैं। इसी क्रम में सेक्टर ने 3 के तहत बदलापुर पड़ाव से कलीचाबाद पुलिया तक नदी तटीय विकास/ बाढ़ प्रभावित क्षेत्र 250 लोगों को चिन्हित किया गया है जिन्होंने मानक के विपरीत भवनों का निर्माण कराया है साथ ही व्यवसायिक प्रतिष्ठान्न भी चल रहा है सभी को नोटिस भेजना का क्रम शुरू किया जा रहा है और उनका पक्ष सुनने के बाद विधिक कार्रवाई की जायेगी।
दस्तावेज के साथ खुद का पक्ष भी रखना होगा। यदि वो सही पाये गये तो बच जायेगें अन्यथा कम्पाउंड फीस के तहत लाखों करोड़ों रुपये का भुगतान करेंगे। इसके बाद शासन प्रशासन की मर्जी पर उनके भवन गिराये जाने के बजाय किरायेदार बनाये जायेंगे।
पिछले एक दशक में गोमती नदी किनारे कलीचाबाद पुलिया से लेकर जफराबाद की सीमा क्षेत्र तक गोमती के तटवर्ती इलाकों पर जमकर कब्जा हुआ है। शाही पुल और नये पुल के मध्य बाकायदा कुछ ने प्लाटिंग भी शुरू कर दी है। एक माफिया ने तो नये पुल के पूर्वी छोर प होटल की नींव तक डाल रखी है। यह हैं कि झील में भी इलाहाबाद-गोरखपु फोरलेन के अगल बगल दो भवन हैं होटल के रूप में संचालित होते हैं।
साभार:सै. हसनैन कमर दीपू

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