जौनपुर हिंदुस्तान के मशहूर शायर "क़मर जौनपुरी" सैय्यद क़मर अब्बास (74 वर्ष) का शुक्रवार की रात दिल का दौरा पड़ने से उनके नगर के बाजार भुआ आवास पर निधन हो गया। शनिवार की सुबह उन्हें सदर इमामबाड़ा बेगमगंज में सुपुर्द ए खाक किया गया। अपने शायरी के दम शायर -ए-अहलेबैत क़मर जौनपुरी ने ना सिर्फ हिंदुस्तान में बल्कि विदेशों में भी अपना नाम व जौनपुर का नाम रोशन किया था। उनके लिखें सैकड़ों नौहे व कलाम ,ग़ज़ल ,क़सीदे,आज भी लोगों की जुबान पर सुनाई देता है।उनके द्वारा ज़िले में कई अंतरराष्ट्रीय महफ़िलो का आयोजन भी कराया गया था।उनके बेटे तनवीर जौनपुरी भी अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए महफ़िलो में कलाम पढ़ते हैं। शुक्रवार को उनके निधन की खबर मिलते ही शिया धर्मगुरु मौलाना महफूज़ुउल हसन खान ,मौलाना सैयद सफदर हुसैन जैदी ,कांग्रेस के जिला अध्यक्ष फैसल तबरेज ,सैय्यद जुल्फेकार हैदर जौहर ,पूर्व सभासद शाहिद सहित अन्य लोगों ने अपनी शोक संवेदना प्रकट किया।
सैय्यदा के लाल का नौहा लिखने वाले कमर जौनपुरी का निधन , पुरसा देने वालो का लगा तांता
जौनपुर । हाय अफ़सोस मजलिसों महफिलों और शबबेदारियो की ज़ीनत विश्वविख्यात शायर इस्लाम को चौक पर सैय्यदा के लाल के चेहलुम पर "सैय्यदा के लाल का चेहलुम मनाने आयी है , आज ज़ैनब भाई पर आंसू बहाने आयी है " नौहा लिखने वाले इंकलाबी उस्ताद शायर कमर जौनपुरी का शुक्रवार को रात्रि अचानक हार्ट अटैक से निधन हो गया । कमर जौनपुरी के निधन से ज़िले में शोक की लहर दौड़ गयी , उनके चाहने वाले बाज़ार भुआ स्तिथ उनके आवास पर पहुँचकर परिजनों को पुरसा दिया । उनके चाहने वालों के दिल में उनकी जो जगह है वह हमेशा रहेगी और उनका कलाम नौहा यूं ही मजलिसों महफिलों और मुशायरों में पढ़ा जाता रहेगा
कमर जौनपुरी ने अपने कलाम से उन्होंने अपनी अलग जगह बनाई थी । उनका नौहा कहने का अलग अंदाज़ था , उनके प्रशंसक उनके जाने की खबर से शोक में हैं । उनकी जो जगह लोगों के दिल में बनी हुई है, वह हमेशा रहेगी और उनका कलाम हमेशा पढ़ा जाएगा । आज भले ही कमर जौनपुरी हमारे बीच नहीं हैं , मगर उनके नौहे , उनके कलाम उनके चाहने वालों को हमेशा उनके होने का एहसास कराती रहेंगी । उनके निधन पर शिया धर्मगुरु मौलाना सफ़दर हुसैन ज़ैदी , मौलाना काज़िम मेहदी उरूज ने गहरा दुःख व्यक्त किया है । कमर जौनपुरी के बेटे तनवीर जौनपुरी ने बताया कि उन्हें शनिवार को सदर इमामबारगाह में सुपुर्द-ए ख़ाक किया गया ।

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