"अक़बर का बीरबल" से मिली पहचान: #जितेंद्र झा
वेब सीरीज भींगे होठ तेरे में साइको किलर किन्नर का किरदार दर्शकों की उत्सुकता बढ़ाएगा
भक्ति और लोक गायन ने दिया भोजीवुड व धारावाहिकों में पहुंचने का रास्ता
"सै. हसनैन कमर "दीपू"
जौनपुर। पूर्वांचल में गायन के जरिए डंका बजाने वाले जितेंद्र झा को धारावाहिक "अक़बर का बीरबल" ने नाम के साथ भोजीवुड व वेब सीरीज का रास्ता दिया। स्वभाव से सरल जितेंद्र ने भोजपुरी भाषा को ऐसा आत्मसात किया कि हिंदी बोलने से परहेज करने लगे। इन दिनों मेरा भारत महान फ़िल्म की शूटिंग और भोजीवुड के सुपर स्टार पवन सिंह की मौजूदगी ने जौनपुर का पारा चढ़ा दिया है।ऐसे में यहां के बाशिंदे जितेंद्र भी युवा दिलों की धड़कन ही नहीं सेलिब्रिटी बन गए हैं।
एक ओर जहां शहर के युवा जितेंद्र की सेल्फी लेने को बेताब दिख रहे वहीं जितेंद्र भइया परनाम बोलते सुने जा रहे हैं। अर्धनारी, वृहन्नला या किन्नर जो भी बोलिए लेकिन खतरनाक और कमसिन साइको किलर के रूप में निभाए गए इनके किरदार ने रिलीज़ से पहले ही धूम मचा रखी है। अक़बर का बीरबल धरावाहिक जहां जितेंद्र के लिए भोजीवुड तक जाने का पायदान बना वहीं इसमें निभाया गया किरदार बीरबल नाम के अनुसार मनोरंजन का साधन बना। दर्शकों ने किरदार और जितेंद्र के स्वभाव को जोड़कर देखा, दोनों में ज़मीन आसमान का अंतर मिला। इसी सवाल पर उनका जवाब था कि करेक्टर में जीने के लिए रात दिन एक करना पड़ता है।
रवि किशन और पवन सिंह जैसे सुपर स्टार इनके रो मॉडल हैं। जितेंद्र में इन दोनों कलाकारों की झलक भी दिखती है। जिम ट्रेनर रहे जितेंद्र की शिक्षा दीक्षा जौनपुर से ही हुई है। वह खुश इस बात से भी हैं कि अपने शहर को शूटिंग के लिए बेहतर लोकेशन माना जा रहा है।
जितेंद्र प्राथमिक शिक्षा लाइन बाजार और आगे जनक कुमारी, ज्ञानोदय और टीडी कॉलेज के शिक्षकों का आभार जताने से नहीं चुकाए हैं। वेब सीरीज भींगे होठ तेरे के बारे में पूछने पर कहते हैं कि अर्द्ध नारी का जीवन बहुत कठिन होता है। जमाने की नजरों के हिसाब से उन्हें अपना दिल मजबूत करके खुद को ढालना पड़ता है। 10 एपिसोड के इस सीरीज कमसिन किन्नर वह भी क़ातिल अपने आप में खतरनाक है। उस किरदार में उतरने से ज्यादा वक़्त तो निकलने में लगा। अब महसूस होता है कि माँ शीतला और मैहर देवी गीत में जहां भक्ति की अनुभूति होती थी वहीं तरह तरह की पटकथा वाली फिल्मों और धारावाहिकों के किरदार उतरना और निकलना बड़ा कठिन है। इस परीक्षा में पत्नी अलका झा का भरपूर सहयोग बताते हैं।
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