जौनपुर । क़दम रसूल छोटी लाइन इमामबाड़े भंडारी रेलवे स्टेशन में रविवार की शाम पूर्व राष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी मरहूम सै.इकबाल क़मर की प्रथम पुण्यतिथि पर आयोजित मजलिस को खिताब करते मौलाना शेख हसन जाफर ने कहा कि वाल्दैन की खिदमत करने से बड़ा पुण्य कुछ भी नही है । जिस इंसान ने अपने माता पिता की सेवा नही की वो दुनिया मे भी ठोकरे खायेगा और आखरत में भी गुनाह का हकदार होगा ।
मौलाना ने कहा कि हज़रत मोहम्मद साहब ने अपनी बेटी फातिमा ज़हरा को अपने जिगर का टुकड़ा करार दिया था,हजरत फातिमा को तकलीफ देना रसूल को कष्ट देने जैसा है,बावजूद इसके हुकूमत ने उनपर ज़ुल्म ढाया यहाँ तक की उनके घर के दरवाजे को जला दिया गया फ़ातिमा बीबी ने इस्लाम को ज़िंदा रखने के लिये सारी तकलीफ सही पर उफ़ तक नही किया। मजहब-ए-इस्लाम को हम तक लाने वाले का नाम हजरत मोहम्मद है। वहीं दीन-ए-मोहम्मदी को परवान चढ़ाने वाले का नाम हजरत अली है और दीन- ए -इस्लाम को बचाने वाली हैं बीबी फातिमा। जनाबे फातिमा ने समाजी जिंदगी के पहलू को जमाने पर इतना उजागर किया कि औरतें सीरते फातिमा पर चलने लगीं। अगर आज भी उनके बताए रास्ते पर चला जाए, तो किसी घर में आपसी मनमुटाव नहीं हो सकता। इस मौके पर शाहिद मेंहदी, नेहाल हैदर आज़म ज़ैदी,कैफ़ी रिज़वी,ऐजाज हुसैन,सै.गौहर अली ज़ैदी,डॉ सज्जाद मेंहदी,फरमान हैदर,आज़मी मेंहदी,कुमैल मेहंदी,मोहम्मद,महताब हुसैन,सोनी,सहित अन्य लोग मौजूद थे। सै. हसनैन कमर ,अफ़रोज़ कमर ने आभार प्रकट किया।
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