हाईकोर्ट द्वारा की जा रही है मामले की मॉनिटरिंग,वारंट के बावजूद गवाही देने नहीं आ रहे थानाध्यक्ष।
अनुपालन न होने पर पुलिस महानिदेशक एवं मुख्य सचिव को एसपी के रवैए की दी जाएगी सूचना
जौनपुर-गैंगस्टर एक्ट के मामले में 2 जिलों के थानाध्यक्षों की गिरफ्तारी का वारंट जारी कर उन्हें पेश करने का पुलिस अधीक्षक मिर्जापुर व पुलिस अधीक्षक कौशांबी को अपर सत्र न्यायाधीश ने आदेश दिया। दोनों पुलिस अधीक्षक को कोर्ट ने अल्टीमेटम दिया कि नियत तिथि पर आदेश का अनुपालन न होने पर डीजीपी एवं मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश को एसपी के असहयोगात्मक रवैए के लिए सूचित किया जाएगा।अगली सुनवाई 2 जनवरी को होगी।
सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे स्टेट बनाम संतोष में तत्कालीन थानाध्यक्ष सिकरारा प्रशांत कुमार श्रीवास्तव ने आरोपियों के खिलाफ 1 जनवरी 2014 को एफ आई आर दर्ज कराया था।गवाह थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार यादव थाना अदलहाट मिर्जापुर में एवं थानाध्यक्ष कृष्ण प्रताप सिंह महेबाघाट कौशांबी में तैनात हैं।कोर्ट द्वारा वारंट व नोटिस भेजने के बावजूद दोनों थानाध्यक्ष कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए।कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक कौशांबी को आदेश दिया कि उनके असहयोग के कारण 2015 से लंबित मुकदमा निस्तारित नहीं हो पा रहा है।सुप्रीम कोर्ट,हाईकोर्ट एवं उत्तर प्रदेश विधायिका की मंशा के अनुरूप गैंगस्टर एक्ट के मुकदमों का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर अति शीघ्र किया जाना है।इस मुकदमे की मानिटरिंग हाईकोर्ट द्वारा की जा रही है।कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए गवाह को पेश नहीं किया जा रहा है। कोर्ट ने दोनों पुलिस अधीक्षक के लिए लिखा कि कानून व्यवस्था कब और किस दिन ठीक रहेगी इसके बारे में उनसे बेहतर कोई नहीं जान सकता।अतः वे स्वयं कोई तिथि बताएं कि किस दिन कानून व्यवस्था सही रहेगी और साक्षी उपस्थित हो सकेंगे अन्यथा उनके इस असहयोगात्मक रवैए के लिए डीजीपी व मुख्य सचिव को सूचित किया जाएगा।
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