जज्बे दिल कुछ भी नहीं"जोश-ए-वफा कुछ भी नहीं" मां ना हो साथ तो जीने का मजा कुछ भी नहीं
जौनपुर। नगर में गुरुवार को बलुआघाट केरारकोट स्थित इमामबाड़ा में मीर सैय्यद अली मरहूम में लेफ्टिनेंट हुसैना बेगम के फूल की मजलिस को खेताब करते हुए कश्मीर से आए मौलाना गुलाम रसूल ने कहा कि मां के पैरों के नीचे जन्नत होती है।जिसने मां की खिदमत की उसे दुनिया में सब कुछ मिलता ही है, अल्लाह के यहां जन्नत का दरवाजा भी खुला रहता है। उन्होंने कहा कि माँ ही है जो अपने बच्चों को नेक तरबियत बचपन से देती है, ऐसे में पूरी दुनिया में मां का मर्तबा सबसे बड़ा है।मौलाना ने कहा कि हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा(स.अ)ने फरमाया है की जो बच्चें अपने माँ बाप को अज़ीयत देते है उसे दुनिया के साथ साथ आखरत में भी जलना पढ़ता। इससे पूर्व सोज़ख़्वानी शम्शी व उनके हमनवा ने पढ़ा।इससे पूर्व पेशखानी सैय्यद जव्वार हुसैन ने पढ़ा।नौहा अंजुमन हुसैनिया के नौहेखाँ नवाज़ हसन ने अपने दर्द भरे नौहे पढ़ कर माहौल गमगीन कर दिया।इस मौके पर मौलाना सैय्यद सफ़दर हुसैन ज़ैदी, मौलाना,मनाज़िर हसनैन,मौलाना बाक़र,सैय्यद अंजार क़मर,सैय्यद मंज़र अब्बास, सैय्यद क़याम रज़ा, फरमान हैदर,सैय्यद शावेज़ हैदर,सैय्यद कैफ़ी रिज़वी,शाहिद मेंहदी सहित अन्य लोग मौजूद थे।आभार सैय्यद हसनैन कमर ,अफरोज क़मर व हेलाल क़मर ने प्रकट किया।
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