हकीमे उम्मत मौलाना डाक्टर मौलाना सैय्यद कल्बे सादिक नक्वी साहब किब्ला के इन्तेक़ाल से जौनपुर में शोक की लहर
जौनपुर
शिराज़े हिन्द जौनपुर जो उत्तर प्रदेश में लखनऊ के बाद शिया मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र माना जाता है , जैसे ही हकीमे उम्मत मौलाना सादिक़ साहब नायब सदर आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के इन्तेक़ाल की ख़बर आई , मुस्लिम समाज में शोक की लहर दौड़ गई डाक्टर मौलाना सैय्यद कल्बे सादिक नक्वी गंगा जमुनी तहज़ीब के बड़े पक्षधरों में एक थे हिन्दू मुस्लिम एकता शिया सुन्नी इत्तेहाद के लिए किए गए उनके प्रयासों को कोई भी नज़र अंदाज़ नहीं कर सकता पूरा देश आज मज़हब पन्थ की दीवार तोड़कर शोकाकुल है । शिक्षा के क्षेत्र में टी.एम टी, एरा मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ, यूनिटी इन्टर कालेज लखनऊ , यूनिटी डिग्री कॉलेज लखनऊ यूनिटी स्कूल (इलाहाबाद) प्रयागराज यूनिटी मिशन स्कूल की जौनपुर , अम्बेडकर नगर की ग़रीब बच्चों की फ्री एज्युकेशन स्कीम मदीनात्तुल ऊलूम कालेज अलीगढ़ इसकी जीती जागती तस्वीर है । मौलाना सैय्यद कल्बे सादिक नक्वी साहब के इन्तेक़ाल पर
जौनपुर के इमाम ए जुमा व प्रिन्सिपल जामिया इमानिया नासिरया जौनपुर मौलाना महफूज़ुल हसन खां साहब की सदारत में जामिया इमानिया नासिरया के शिक्षकों एवं छात्रों की एक शोक सभा का आयोजन जामिया इमानिया नासिरया जौनपुर में हुआ ,जिसमें उनके अहले ख़ाना को ताज़ियत व तस्लियत पेश की गई ,क़ुरान ख़ानी की गई और उनकी मग़फेरत के लिए सुर ए फातेहा पढ़ी गई ,मोमेनीने जौनपुर से इमामे जुमा मौलाना महफूज़ुल हसन खां ने दरख्वास्त की है कि वोह मौलाना सादिक़ साहब के लिए ज़्यादा से ज़्यादा इसाले सवाब करें । , हुसैनी फोरम इंडिया जौनपुर के अध्यक्ष सैय्यद मोहम्मद हसन, संयोजक इक़बाल खान मधु, तहसीन अब्बास सोनी, सैय्यद असलम नक्वी ,नासिर रज़ा गुड्डू , तालिब रज़ा शकील एडवोकेट सैय्यद परवेज़ हसन , हाजी समीर अली , शाहिद मेंहदी , शाहिद रिज़वी गुड्डू ने शोक व्यक्त किया । शेख़ नूरूल हसन मेमोरियल सोसाएटी के संरक्षक शेख़ हसीन अहमद की अध्यक्षता में हुई शोक सभा में सोसायटी के प्रबन्धक शेख़ अली मंज़र डेज़ी ने कहा कि डाक्टर सैय्यद कल्बे सादिक नक्वी जैसी शख्सियत वर्षों में पैदा होती है उसकी भरपाई होना मुमकिन नहीं है इसी क्रम में मज़ार लुक्का शाह रोडवेज़ तिराहा पर शिया सुन्नी इत्तेहाद के प्रतीक डाक्टर मौलाना सैय्यद कल्बे सादिक नक्वी साहब को शिया सुन्नी समुदाय ने मिलकर बाद नमाज़े ज़ोहर उनकी मग़फेरत के लिए सूर ए फातेहा पढी ।
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