Jaunpur: डीएम दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि देखने में आ रहा है कि कुछ प्राइवेट डॉक्टर नर्सिंग होम और झोलाछाप डॉक्टर खांसी बुखार जुखाम सांस लेने में दिक्कत वाले मामलों में भी इलाज कर रहे हैं। और वह जब फेल हो जाते हैं तो जिला अस्पताल भेज देते हैं।
क्योंकि अगर इस प्रकार के लक्षण हैं तो ऐसे मरीज कोरोना पॉजिटिव हो सकते हैं ।
।और ऐसे मरीजों को देखने के लिए मैंने बार-बार अपील की है कि कोई डॉक्टर ऐसे मरीजों का इलाज ना करें उसे सीधे जिला अस्पताल भेज दे जिला अस्पताल में सारी सुविधाएं हैं हम उसका सर्वप्रथम रैपिड एंटीजन किट से जांच करा लेंगे कि उसे कोरोना है कि नहीं। यदि कोरोना है तो उसके अनुसार ईलाज तत्काल प्रारंभ कर दिया जाएगा।
यदि झोलाछाप डॉक्टरों ने इलाज किया और समय खराब कर दिया जो कि केस खराब हो जाता है और जिला अस्पताल आते-आते उसकी स्थिति खराब हो जाती है।
मैं सभी से अनुरोध करूंगा कृपया इस आदेश का पालन करें ।
कल से कोई यदि झोलाछाप डॉक्टर का अवैध तरीके से इलाज करते हुए पाया गया तो उनके विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जाएगी।
जनता से भी अपील है कि किसी भी व्यक्ति को खांसी बुखार जुखाम सांस लेने में दिक्कत है तो वह अपने नजदीकी ब्लॉक स्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर या जिला अस्पताल में जाएं वहां पर अपनी कोरोना की जांच करा लें। जांच करके आधे घंटे में परिणाम बता देंगे और उसके हिसाब से आगे का इलाज होगा ।
मेरे द्वारा सभी नर्सिंग होम के साथ बैठक करके और आईएमए के साथ बैठक करके यह भी निर्देश दिए गए थे कि अस्पताल के बाहर हेल्प डेस्क लगाई जाए जहां पर चेक किया जाए अगर ऐसे लक्षण वाले व्यक्ति आते हैं तो उनको अस्पताल के अंदर ना भेज कर सीधे जिला अस्पताल भेजा जाए। फिर भी कुछ लोग इस प्रकार का इलाज कर रहे हैं यह उचित नही
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