जौनपुर। शहर के पचहटिया क्षेत्र में चल रहा सीवर प्रोजेक्ट (एसपीएमएल पीपी पीएल) इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को जल निगम के अधिशासी अभियंता सुनील कुमार द्वारा 14 मई 2020 को प्रोजेक्ट मैनेजर के लिए लिखी गयी चिट्ठी नमामि गंगे प्रोजेक्ट में बड़े घपले का राज खोल रही है। इसमें जल निगम ने समय रहते अपना गला बचा लिया। यह पत्र पूर्व सांसद धनंजय सिंह की गिरफ्तारी के चार दिन बाद लिखा गया। संबंधित अफसर ने मुख्य अभियंता, अधीक्षक अभियंता और सहायक अभियंता को भी कॉपी प्रतिलिपि की है।
विदित हो कि इसी नमामि गंगे सीवर प्रोजेक्ट के मैनेजर अभिनव सिंघल से रंगदारी वसूलने और अपहरण के आरोप पत्र पर नौ मई की रात में ही पूर्व सांसद धनंजय सिंह की आनन-फानन में गिरफ्तारी और रात 12 बजे के बाद 10 तारीख में उनकी गिरफ्तारी और एफआईआर दर्ज हुई। पुलिस की यह सक्रियता तब फेल हो गयी जब अब से एक माह पूर्व तीन जुलाई को प्रोजेक्ट मैनेजर श्री सिंघल रंगदारी और अपहरण की बात से मुकर गये। जाहिर है कि यह चिट्ठी पूर्व सांसद की गिरफ्तारी के चार दिन बाद आखिर क्यों लिखी गयी? इससे यही साबित होता है कि करोड़ों के इस सीवर लाइन बिछाने वाले प्रोजेक्ट में बड़े सफेदपोश भी बंदरबांट के लिए शामिल है। इस तरह जल निगम तो लिखा पढ़ी में खुद को बाहर निकाल लिया लेकिन समूचा प्रोजेक्ट चलाने वाली कम्पनी घेरे में आ गयी है।
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