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उर्दू नहीं आती और बन गये शिक्षक।Don News Express

उर्दू नहीं आती और बन गये शिक्षक
शिक्षक के विभिन्न पदों को लेकर जांच हुई तो थोक भाव में मिलेंगे फर्जी
सै. हसनैन कमर दीपू
जौनपुर। महिला शि​क्षक अनामिका शुक्ला के 25 स्कूलों में एक साथ नौकरी करने और एक करोड़ से अधिक वेतन भुगतान कर लेने के बाद शिक्षा महकमे के शासन स्तर पर खुली पोल के बाद फर्जी शिक्षकों के खिलाफ चला अभियान तो जिले में भी पहले ही झटके में आठ ऐसे शिक्षक फर्जी पाये गये जिनको उर्दू भाषा से कोई लेना देना नहीं ​लेकिन उनकी तैनाती उर्दू शिक्षक के रूप में स्कूल में पायी गयी। फर्जी कार्य के लिए रैकेट बना कर कार्य करने वालो के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गयी है लेकिन जांच की रफ्तार कोरोना के चलते धीमी पड़ने से सैकड़ों शिक्षक परेशानहाल हैं और अपने बचाव में जुगाड़ लगाये पड़े हैं। जांच हुई तो इसी जिले में थोक के भाव फर्जी शिक्षक व विभिन्न पदों पर शिक्षणेत्तर कर्मचारी भी मिलेंगे। 

जिले में पकड़े गये आठ शिक्षकों के फर्जी दस्तावेज से इनकी नियुक्ति और पढ़ाई लिखाई आदि प्रमाण पत्र साफ गवाही दे रहा है कि इन्हीं की राह पर तमाम और भी हैं। कोरोना महामारी तमाम फर्जी शिक्षकों और कर्मचारियों की जान बचाये हुए है। हालांकि बचाव में लगे विभागीय लोग भी उन्हें तरह तरह के हथकण्डे बताने से बाज नहीं आ रहे हैं क्योंकि जांच के आदेश शासनस्तर से हुए हैं​ लिहाजा फर्जी लोगों का बचना नामुमकिन है।

शासन स्तर पर अनामिका शुक्ला के दो दर्जन स्कूलों में एक साथ पढ़ाने और वेतन भुगतान साल भर तक होने के खुलासे के बाद खुद मुख्यमंत्री के भी पैरो तले जमीन खिसक गयी। शायद इसीलिए एक सिरे से शिक्षा महकमे को क्लीन करने की ठान ली। पहले ही चरण में अनामिका शुक्ला के बाद जौनपुर से भी दो लोगों को एसटीएफ ने ​सीधे आकर उठा लिया था। बताया जाता है कि इनके नाम भी अनामिका की सीरिज से जुड़े हुए थे। बताया जाता है कि उस दौरान गिरफ्तार दो लोगों को शिक्षक भर्ती के रैकेट में माना जा रहा है। 

जिले में ऐसे तमाम लोगों की सांसें टंगी हुई हैं। जांच का आदेश बैक भी नहीं हो रहा है लिहाजा निचले स्तर के अधिकारी और कर्मचारी उनके सामने हाथ खड़े कर दिये। शैक्षणिक सूत्र बताते हैं कि ऐसे तमाम लोग राजधानी लखनऊ और इलाहाबाद तक दौड़ लगा रहे हैं।

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