*लखनऊ*
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर किसानों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। यादव ने कहा कि किसान बेमौसम बरसात, ओलावृष्टिï के साथ ही अब बाढ़ और टिड्डियों के दल के हमले से तबाही के कागार कर पहुंच गया है लेकिन किसानों की तरफ सरकार का कोई ध्यान ही नहीं है। यहां जारी एक बयान में अखिलेश ने कहा कि प्रदेश का किसान भारी परेशानी में है। कोरोना संकट के बहाने सरकार बड़े उद्यमियों की दिक्कतें दूर करने में ही व्यस्त है। अन्नदाता की परेशानियों उसे नहीं दिख रही हैं। केन्द्र सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों की फसलों की कहीं खरीद नहीं हुई। बहुत जगहों पर तो क्रय केन्द्र ही नहीं खुले। जहां खुले थे वहां किसान को किसी न किसी बहाने से ऐसे परेशान किया गया कि वह बिचैलियों और आढ़तियों को ही उत्पाद बेंच दे। कोरोना संकट से जूझ रही प्रदेश की जनता पर डीजल-पेट्रोल की कीमतों में भारी वृद्धि का बोझ पर इसका सबसे ज्यादा असर किसानों और कृषि लागत पर पड़ा। सरकार किसानों की आय दुगना करने का शिगूफा छोड़ती रहती है लेकिन आय दोगुना के बजाय कृषि लागत मूल्य बढ़ गया। गन्ना किसानों का 10 हजार करोड़ रुपया से ज्यादा का बकाया है। उनका भुगतान नहीं मिला। सपा अध्यक्ष ने कहा कि बुन्देलखण्ड और बृज क्षेत्र में कर्ज और फसल नुकसान से तंग आकर सैकड़ो किसानों ने आत्महत्या कर ली। आकाशीय बिजली गिरने से भी कई लोग मारे गए। सपा ने दस-दस लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की थी लेकिन सरकार ने नहीं दिया। यादव ने कहा कि सरकार के रवैये से किसान निराश हो चुका है।
बाढ़ और टिड्डियों के दल के हमले से खेती को भारी नुकसान
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में बाढ़ और टिड्डी दल की वजह से किसानों की परेशानी और बढ़ी है। देवरिया, बहराइच आदि कई जिलों में बाढ़ से हजारों बीघा जमीन जलमग्न हो गई है। श्री यादव ने कहा कि भाजपा कारपोरेट घरानों से जुड़ी पार्टी है,इसलिए उसकी सारी योजनाएं बड़ उद्यमियों के लिए बनती हैं,गरीब किसान के लिए नहीं। भाजपा और इसके मातृ संगठन आरएसएस की विचारधारा के केन्द्र में किसान कभी नहीं रहा।
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