वाराणसी की निगरानी करेंगे एडीजी दीपेश जुनेजा
नोएडा में एडीजी (GRP) संजय सिंघल की तैनाती
कानपुर शूटआउट के बाद अब योगी सरकार ने पुलिस अफसरों की निगरानी और सूबे के जिलों में दबंगई करने वाले गैंगस्टर पर कार्रवाई करने के लिए नोडल अफसर तैनात करने का फैसला किया है. ये सभी अधिकारी एडीजी, आईजी और डीआईजी स्तर के हैं. ये अधिकारी सम्बंधित जिलों में कानून व्यवस्था के साथ साथ बदमाशों के खिलाफ दर्ज मुकदमों और पुलिसिया कार्रवाई पर नज़र रखेंगे.
फिलहाल, यूपी सरकार ने सूबे के बड़े जिलों में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर दी है. विकास दुबे के जनपद कानपुर का नोडल अधिकारी आईपीएस बीपी जोगदंड को बनाया गया है. इसी तरह से बरेली में अभय प्रसाद, मेरठ में संदीप सालुंके और आगरा में आनन्द कुमार को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है.
इसी प्रकार प्रयागराज के लिए पीवी रामाशास्त्री, योगी के गृहजनपद गोरखपुर में डीके ठाकुर और पूर्वांचल के केंद्र वाराणसी में तेज तर्रार आईपीसी अधिकारी दीपेश जुनेजा को नोडल अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया गया है. जबकि लखनऊ का नोडल अधिकारी पुलिस महानिदेशक (इंटेलिजेंस) डीएस चौहान को बनाया गया है. वहीं नोएडा के लिये एडीजी (GRP) संजय सिंघल नियुक्त किए गए हैं.
राज्य के बाकी जिलों के लिये भी एडीजी, आईजी और डीआईजी स्तर के आला अधिकारियों को नोडल अफसर बनाया गया है. कई नोडल अधिकारी अपने ज़ोन और रेंज के ही जिलों में नियुक्त किए गए हैं. ये सभी अफसर दो दिनों में नोडल जिलों की समीक्षा के बाद अपनी रिपोर्ट सौपेंगे
इसके अलावा नियुक्त किए गए नोडल अधिकारियों को जिलों में थानेदारों की तैनाती, गैंगस्टरों पर की गई कार्रवाई के संबंध में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं. कहा जाए तो अब इन नोडल अधिकारियों की भूमिका उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था में अहम रोल अदा करेगी.
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