मजलिस को खेताब करते हुए बोले शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव
जौनपुर। हज़रत इमाम हुसैन व उनके 71 साथियों की शहादत में न सिर्फ पूरी इंसानियत को बचाया बल्कि हक पर चलना सिखाया। यही वजह थी कि इमाम हुसैन ने माहे मुहर्रम में अपने पूरे परिवार को इस्लाम बचाने के लिए कुर्बान कर दिया। आज पूरी दुनिया इमाम हुसैन के साथ खड़ी है जो इंसानियत की सबसे बड़ी जीत है। उक्त बातें शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव मौलाना हसन अकबर रन्नवी ने बुद्धवार की रात इमामबाड़ा हैदरी सदर चुंगी में मजलिस को खेताब करते हुए कही। मौलाना ने कहा कि सभी धर्म व जाति के लोग आज कर्बला वालों से सीखने की कोशिश करते हैं। एक तरफ जहां लाखों की यज़ीदी फौजें थीं तो वहीं इमाम हुसैन सहित केवल 72 लोग कर्बला के मैदान में हक के साथ खड़े थे। इमाम अपने छह महीने के बच्चे अली असगर की शहादत दी तो वहीं अपने भतीजे कासिम को भी इस्लाम की राह में कुर्बान कर दिया। इससे पूर्व सोजखानी गौहर अली जैदी व उनके हमनवां ने किया। अंजुमन मजलूमिया पोस्तीखाना के नौहेखां अनम जौनपुर ने दर्द भरे नौहे पढ़कर माहौल गमगीन कर दिया। इस मौके पर मुतवल्ली कैश अली, अली असगर, वसी रजा, मासूम रजा, औन रजा, रिजवान हैदर राजा, हसन अब्बास, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष फैसल हसन तबरेज, आजम जैदी, रूमी आब्दी, सभासद सदफ हैदर, तामीर हसन शीबू, शाहिद मेंहदी, नेहाल हैदर सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
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