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यौमे कुदस के मौक़े पर जौनपुर के मुसलमानों ने ज़्यादातर सोशल मीडिया पर ही अपना विरोध जताया।Don News Express

यौमे कुदस  के मौक़े पर  जौनपुर के  मुसलमानों ने  ज़्यादातर सोशल मीडिया पर  ही अपना विरोध जताया ।। 

फिलीस्तीन के मुसलमानों के हक़ की 
आवाज़ को बुलन्द करना दुनिया के तमाम इन्साफ पसन्द इन्सानों की ज़िम्मेदारी है। ।मौलाना महफुज़ुल हसन खाँ ।।

जौनपुर 
इस साल कोरोना महामारी के  लाकडाउन नियमों के कारण  माहे रमजान का आखिरी जुमा। अलविदा जुमे की नमाज शिया जामा मस्जिद जौनपुर में नहीं हुई ।अलविदा जुमा को हर वर्ष आयोजित होने वाले  यौमे क़ुदस का आयोजन मस्जिदों मे नहीं हो पाया। हर वर्ष शिया जामा मस्जिद नवाब बाग़ में अलविदा जुमा की नमाज़ के बाद कुद्स दिवस का आयोजन किया जाता था जिसमें बैतुल मुक्द्दस की बहाली तथा मज़लूम फिलीस्तीनियों के हक़ में आवाज़ बुलन्द की जाती थी इस वर्ष कोविड 19 के नियमों के कारण इसरायल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन नहीं हो पाया परन्तु सोशल मीडिया , इलेक्ट्रॉनिक मीडिया , प्रिन्ट मीडिया के माध्यम से मुसलमानों ने बदस्तूर फिलीस्तीनियों के हक़ में इसारयल के विरोध में अपना विरोध दर्ज कराया । इसी क्रम में शिया जामा मस्जिद नवाब बाग़ जौनपुर के इमामे जुमा मौलाना महफुज़ुल हसन खाँ साहब ने कहा कि फिलीस्तीनी मुसलमानों के हक़ की आवाज़ को बुलन्द करना दुनिया के तमाम हक़ पसन्द इन्सानों की ज़िम्मेदारी है उन्होंने कहा कि इमाम ख़ुमैनी ने यौमे कुद्स के ज़रिये फिलीस्तीन के मज़लूमों के लिये एक ऐसा प्लेटफार्म दुनिया के तमाम मुसलमानों के लिए स्थापित कर दिया जहां से हर वर्ष रमज़ान में अलविदा जुमा को मज़लूमों के हक़ में आवाज़ बुलन्द की जाती है ।
हुसैनी फोरम इन्डिया के अध्यक्ष हाजी सैय्यद मोहम्मद हसन ने अपने संदेश में कहा है कि अगर दुनिया के तमाम मुस्लिम देशों ने एकजुट होकर बैतुल मुक्द्दस की बहाली के लिए आवाज़ बुलन्द की होती  और साम्राज्यवादी ताकतों के आगे नत्मस्तक न होते तो फिलीस्तीन की समस्या का समाधान अब तक हो गया होता । शिया जामा मस्जिद नवाब बाग़ के मुत्वल्ली / प्रबन्धक एवं समाजसेवी  शेख़ अली मंज़र डेज़ी ने संयुक्त राष्ट्र संघ से मांग  कि है कि फिलीस्तीन के मुसलमानों को उनका हक दिलाने  के   लिए विश्व के शक्तिशाली देशों पर यू . एन .ओ को ज़ोरदार तरीके से दबाव बनना चाहिए ।
  सोशल मीडिया एक्टीविस्ट सैय्यद असलम नक्वी ने कहा कि महात्मा गांधी ने फिलीस्तीन की हमेशा हिमायत की और इसरायल का विरोध किया इसलिए स्वतन्त्रता  प्राप्ति के बाद   भारत ने फिलीस्तीन  की हिमायत
को विदेश नीति का महत्वपूर्ण विषय बनाया  था 
हुसैनी फोरम इन्डिया के राष्ट्रीय संयोजक इकबाल खाँ मधु , महासचिव हुसैनी फोरम इन्डिया तहसीन अब्बास सोनी , सैय्यद मोहम्मद मुस्तफा , वरिष्ठ कांग्रेस नेता सैय्यद परवेज़ हसन , सैय्यद अहसन नजमी रिज़वी , सैय्यद नासिर हुसैन एडवोकेट , बाबर मिर्जा ,  सै .शाहिद रिज़वी  गुड्डू , आसिफ आब्दी शिया  जामा मस्जिद  इन्तेज़ामिया कमेटी सदस्य सदस्य गण  तालिब रज़ा शकील एडवोकेट ,हाजी समीर अली ,  मोहम्मद नासिर रज़ा गुड्डू ,   मशकूरुल हसन शाज़ान खाँ , डॉ हाशिम खाँ इत्यादि ने भी इसराइल का विरोध जताया  और बैतुल मुक्द्दस की बाहाली की मांग की ।
शेख नूरुल हसन मेमोरियल सोसायटी जौनपुर कार्यालय पर बैतूल मुकद्दस की बहाली व  करोना बीमारी के जल्द से जल्द खत्म होने के लिए दुआ की गई । एवं जौनपुर की कई समाजिक ,धार्मिक संगठनों  ने भी फिलीस्तीन की हिमायत मे सोशल मीडिया के माध्यम से इसरायल के विरोध में अपनी आवाज़ बुलन्द की है ।।

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