यह सामान्य बजट के बजाय शुद्ध रूप से एक कॉर्पोरेट बजट है। इस बजट में किसानों, बेरोजगारों, गरीबों और महिलाओं के लिए कुछ भी नहीं है।
बजट समाज के किसी भी वर्ग को कोई प्रोत्साहन नहीं देता है।
सरकार ने अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने या विकास को गति देने का काम छोड़ दिया है, केवल इस बजट में बड़े कॉर्पोरेट्स जगत से जुड़े लोगों को राहत देने का कार्य किया है ।
राजन तिवारी
अधिवक्ता दीवानी न्यायालय
चेयरमैन- विधि विभाग कांग्रेस, जौनपुर
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