पवन सिंह अभिनेता के साथ बेहतरीन दोस्त भी हैं
निर्देशन में मेरा भारत महान है इनकी दूसरी फ़िल्म
जौनपुर। मेरा भारत महान फ़िल्म के निर्देशक देवेंद्र तिवारी के लिए यह दूसरी फिल्म जरूर है पर चैलेंज तगड़ा है। इससे पूर्व वह दशकों से फोटोग्राफी को ही करियर बनाए थे। कहते हैं स्टोरी का थाट अच्छा होना चाहिए, गीत तो सपोर्टिंग हित है। साउथ की तमाम फिल्मों का उदाहरण दिया कि बगैर गाने के हिट हुईं।
वालीवुड की तीन फिल्मों व तीन दर्जन से ज्यादा क्षेत्रीय व भोजपुरी फिल्मों में कैमरे से कौशल दिखाने वाले देवेंद्र तिवारी कुशीनगर के खैरटिया गांव निवासी रिटायर्ड एग्रीकल्चर ऑफिसर के तीन बेटों एक बहन में ये सबसे छोटे हैं। अपने बड़े भाई मनोज तिवारी को पिता का दर्जा देते हैं। वह खुद सुभाष घई के साथ वॉलीवुड के सफल डायरेक्टरीन में हैं। उन्होंने ही कैमरा खरीदकर मुझे दिया और वही शौक बाद में प्रोफेशन बन गया।
एक सवाल पर पवन सिंह के बारे में बताया कि मेर इनकी दोस्ती 2011 में हुई। कहा, भोजीवुड में पवन सलमान खान की तरह दबंग और सिंगर में मोहम्मद रफी की कॉपी लगते हैं। पवन का फ्यूचर पफ दिख रहा, जल्द ही वह वालीवुड में दस्तक देंगे। बताया पवन के होम प्रोडक्शन माँ अम्बा फिल्म्स के बैनर तले अगली फिल्म साइको सैयां की प्लानिंग है।
पत्रों के चयन पर कहाकि कहानी में फिट बैठने वाले को ही अभिनय का ऑफ़र देते हैं। कैमरामैन के रूप में ब्लास्ट और मैंने उनको सजन चुन लिया फ़िल्म को अपनी उपलब्धि मानने वाले देवेंद्र अब भी कैमरे का मोह नहीं छोड़ पाते हैं। हालांकि दो दशक से निर्देशन में हैं।
इनके पिता सिधेश्वरी तिवारी रिटायर होने के बाद से गांव में रहते हैं। उनसे मिलने दोनों भाई जाते रहते हैं। पूर्वांचल में खासकर जौनपुर में शूटिंग के सवाल पर कहा कि यहां लोकेशन अछि मिली और यूपी सरकार फ़िल्म निर्माण पर 40 फीसदी धनराशि का सहयोग भी दे रही। यह भोजीवुड के लिए रफ्तार बढ़ाने और प्रोजेक्ट को बढ़ाने में उपयोगी साबित हो रही है।
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