यह हमला शिराकोल इलाके में उस वक्त हुआ, जब नड्डा अपने काफिले के साथ डायमंड हार्बर में पार्टी कार्यकर्ताओं की सभा को संबोधित करने जा रहे थे। काफिले में भाजपा सांसद अनुपम हाजरा, संयुक्त महासचिव संगठन शिव प्रकाश, राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा, राष्ट्रीय मीडिया सह प्रभारी डॉ संजय मयूख, राज्य सचिव दीपांजन गुहा भी शामिल थे। एक दर्जन से अधिक गाड़ियों पर पथराव किया गया, जिससे उनके शीशे चटक गए। संवाद माध्यमों की गाड़ियों को भी नहीं बख्शा गया। हमलाकारियों ने उस सड़क को अवरुद्ध करने का भी प्रयास किया, जहां से जेपी नड्डा का काफिला गुजर रहा था।
दिलीप घोष ने इसे तृणमूल की पूर्व नियोजित साजिश करार दिया।
वहीं कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि बंगाल में लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। स्थानीय सांसद अभिषेक बनर्जी के गुंडों ने यह हमला किया है। वे जिस तरह से पत्थरों और कोल्ड ड्रिंक्स की बोतलों से हमलेे कर रहे थे, ऐसा लगा कि हम किसी दूसरे देश में हैं। पुलिस की मौजूदगी में यह सबकुछ हुआ।
दूसरी तरफ तृणमूल सांसद सौगत राय ने इसे लोगों की स्वत: स्फूर्त प्रतिक्रिया करार देते हुए सवाल किया कि जेपी नड्डा को अभिषेक बनर्जी के संसदीय क्षेत्र में जाने की क्या जरूरत थी? सौगत ने यह भी कहा कि जेपी नड्डा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री अथवा केंद्रीय गृहमंत्री नहीं हैं, जो उनके लिए पूरे रास्ते में पुलिस सुरक्षा की व्यवस्था की जाती। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से हमले की घटना पर रिपोर्ट तलब की है।
गौरतलब है कि दिलीप घोष ने हमले की घटना से कुछ घंटे पहले ही केंद्रीय गृह मंत्रालय को बंगाल की कानून व्यवस्था को लेकर पत्र लिखा था। इस बीच राज्यपाल ने हमले की घटना पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि बंगाल में अराजकता की स्थिति है।उन्होंने इसे लेकर राज्य के मुख्य सचिव व डीजीपी को सुबह ही अलर्ट किया था। इसके बावजूद यह हमला हुआ। हमले की घटना के विरोध में भाजपा ने गुरुवार को शाम चार से छह बजे तक राज्यभर में प्रदर्शन करने की घोषणा की।
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