जौनपुर
ईदे मुबाहेला इस्लामी कैलेंडर अरबी महीने के ज़िल्ल हिज्जा की 24 तारिख को मनाईं जाती है । इसी ज़िल्ल हिज्जा की 10 तारिख को ईदुल अज़हा (बक़रीद)और 18 तारिख को ईदे ग़दीर मनाईं जाती है। इसी तारिख़ को पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद मुस्तफा (स . अ .व ) को नजरान के नसरानियों ( ईसाइयों ) पर मुबाहेला (तार्किक मुक़ाबला) के माध्यम से विजय प्राप्त हुई ,नजरान से ईसाई विद्वानों का एक प्रतिनिधिमंडल आया जिसने मुहम्मद साहब से बहस की कि हज़रत ईसा अल्लाह ( ईश्वर ) के पुत्र हैं जब्कि मुहम्मद साहब का कहना था कि वोह अल्लाह द्वारा भेजे गए नबी (संदेशवाहक ) हैं ये तय हुआ कि दोनों पक्ष एक मैदान में अपने अपने परिवार के साथ इक्ठ्ठा हों , जो सच्चा हो वोह झूठों पर लानत करे मुहम्मद साहब अपने दामाद हज़रत अली (अ . स ) ,अपनी बेटी हज़रत फातिमा ज़हरा (स .अ) अपने नवासे हज़रत इमाम हसन (अ.स ) हज़रत इमाम हुसैन ( अ.स) के साथ इक्ठ्ठा हुए यही पांच पंजतन कहलाते हैं । नसरानियों ने जब इन पांचो देखा तो इनके तेज एवं प्रताप को देखकर अपना दावा वापस ले लिया इस धटना का ज़िक्र कुरान में है इस तरह ईदे मुबाहेला सत्य की फतेह का पर्व है जो मुसलमान विशेष कर शिया मुस्लिम वर्ग 24 ज़िल्ला हिज्जा को हर वर्ष हर्षोल्लास से मनाता है ।नज़रो नियाज़ एवं कसीदाखानी का आयोजन करके पंजतने पाक को खेराज अक़ीदत पेश किया जाता है ।हुसैनी फोरम इंडिया , शेख़ नुरुल हसन मेमोरियल सोसायटी तथा विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने इस मौक़े पर मुबारकबाद पेश की है ।हुसैनी फोरम इंडिया के अध्यक्ष सैय्यद मोहम्मद हसन , शेख़ नूरुल हसन मेमोरियल सोसायटी के सचिव प्रबंधक शेख़ अली मंज़र डेज़ी , वरिष्ठ नेता सैय्यद परवेज़ हसन , मोहम्मद नासिर रज़ा गुड्डू आसिफ आब्दी इत्यादि ने ईदे मुबाहेला की मुबारकबाद पेश की।
0 Comments